-सर्विलांस टीम लगातार उसके मोबाइल का टावर लोकेशन कर रही थी ट्रेस-गिरफ्तार होने के बाद कहा -सरेंडर करने के लिए आ रहा था घर मुजफ्फरपुर. पारू थाना क्षेत्र के एक गांव में हुए किशोरी हत्याकांड का मुख्य आरोपी संजय राय अय्याशी के चक्कर में पुलिस की जाल में फंस गया. पुलिस लगातार उसके मोबाइल के लोकेशन को ट्रेस करने में जुटी थी. लेकिन, वह गिरफ्तारी के डर से मोबाइल ऑफ करके भाग रहा था. वह पुलिस से बचने के लिए सिलीगुड़ी पहुंच गया. वहां छिपकर रहने लगा. जब दो तीन दिन बीत गए तो उसको लगा कि अब पुलिस उसके पास तक नहीं पहुंचेगी तो वह अपना मोबाइल फोन ऑन कर लिया. इस बीच पुलिस को उसका लोकेशन मिल गया. पुलिस टीम अररिया तक पहले ही पहुंच चुकी थी. आरोपित संजय राय मोबाइल ऑन करने के बार निर्भिक होकर सिलीगुड़ी में घूम रहा था. वहां के स्थानीय लोगों से वह रेड लाइट एरिया का पता पूछ रहा था. इस बीच पुलिस उसके मोबाइल को ट्रेस करते हुए पहुंच गयी और उसे दबोच लिया. संजय राय ने पुलिस को बताया कि उसकी करतूत से उसका पूरा परिवार शर्मसार था. उसके पास एक ट्रैक्टर था. जिसको वह पिता- पुत्र चलाता था. लेकिन, जब वह अपनी पूरी कमाई मृत किशोरी के परिवार पर खर्च कर देता था तो उसका बेटा उसे ट्रैक्टर नहीं चलाने देता था. हत्या के बाद उसके पास मात्र 5100 रुपये बचे थे. इधर,पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि संजय राय की हैवानियत सामने आने के बाद उसके पुत्र ने जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड का भी प्रयास किया था. वैशाली जिले के एक हॉस्पिटल में उसका इलाज कराया गया तब उसकी जान बची. संजय राय की निशानदेही पर एक- एक करके पकड़े गए तीनों पुलिस ने जब मुख्य आरोपी संजय राय से पूछताछ शुरू की तो हत्या की असली वजह सामने आयी. उसने पुलिस को बताया कि उसके साथ पांच और लोग हत्या में शामिल थे. उसके निशानदेही पर पहले पंकज राम को पकड़ा गया. फिर , चुन्नू पासवान और मुन्ना राम की गिरफ्तारी हुई. चारों से पुलिस ने अलग- अलग पूछताछ की. उनके मोबाइल का टावर लोकेशन मैच कराया. क्रॉस सवाल पूछे गए. तब पूरा मामला साफ हुआ. अभी जो दो आरोपी फरार है, पुलिस उनकी गिरफ्तारी को रेड कर रही है. संजय राय पर नामजद प्राथमिकी होने से सभी आरोपी निश्चिंत थे. पुलिस को शक न हो इसके लिए वह पुलिस की जांच में भी मौके पर मौजूद रहते थे. चुन्नू अपने दोस्तों के साथ कई दिनों तक किया था रेकी किशोरी की हत्या से पहले उसका ग्रामीण चुन्नू पासवान व पंकज राम अपने दोस्तों के साथ करीब पांच दिनों तक रेकी किया था. उनको पहले से ही शक था कि किशोरी व आरोपी संजय राय हर रात चौर में मिलते थे. लेकिन, रंगे हाथ वे दोनों को पकड़ नहीं पाते थे. वारदात की रात दोनों एक जगह पर बैठे मिल गए. इसके बाद पांचों शातिर ने मिलकर किशोरी की हत्या की. फिर, उसकी करतूत बाहर ना आ जाए तो संजय राय भी इसमें शामिल हो गया. ऑनर किलिंग निकला पारू किशोरी हत्याकांड का मामला :: आइजी पारू में हुए किशोरी की निर्मम हत्या में शामिल मुख्य आरोपी संजय राय समेत चार की गिरफ्तारी के बाद तिरहुत रेंज के आइजी शिवदीप वामन राव लांडे ने सोशल मीडिया पर अपना एक पोस्ट शेयर किया है. उन्होंने इसमें लिखा है कि 12 अगस्त को पारू थाना क्षेत्र में एक किशोरी की शव मिलने की सूचना मिली थी. इसके बाद तुरंत जिला पुलिस ने सभी मानकों को ध्यान में रख उचित कार्रवाई शुरू कर दिया. सभी तथ्यों और गिरफ्तारियों के बाद यह मामला ऑनर किलिंग का पाया गया है. उन्होंने आगे अपने पोस्ट में लिखा है कि इस केस से संबंधित सभी जानकारी मुजफ्फरपुर एसएसपी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर रोजाना साझा कर दी गयी है. मैं आपके समक्ष दो बिंदुओं पर बात करना चाहता हूं. सर्वप्रथम हम किस समाज की संरचना कर रहे हैं. एक ऐसा समाज जहां हम ऑनर किलिंग जैसे संगीन कुरीतियों को अपना लेते हैं. जहां हम बस जाति, धर्म और समुदाय को आगे कर किसी वारदात को अंजाम देते हैं. दूसरी इन सब बातों के से ऊपर जो एक बात हमें समझाने की जरूर है वो कि बिना किसी भी तथ्य को जाने हुए उस संदर्भ में अपना विचार बना कर लोगों को भ्रमित करना. इस किशोरी की लाश मिलने के बाद अनेक यूट्यूबर्स ने इस घटना को सनसनीखेज बनाने के लिए दुष्कर्म, किसी ने प्राइवेट पार्ट काटा तो किसी ने गैंगरेप बता दिया. लेकिन, एफएसएल और अन्य वैज्ञानिक व मेडिकल जांच में इस तरह के तथ्य सामने नहीं आए. महज कुछ व्यूअरशिप पाने के लिए इस तरह की झूठी काल्पनिक बातें बोलते हैं. सोचिंए इससे मृत किशोरी को कितना कष्ट हुआ होगा. उन्होंने ऐसे लोगों से अपील की है कि पहले तथ्यों को जानें और फिर इस तरह की आवाज उठाये . इस तरह की सोशल मीडिया और यूट्यूब चैनल को बंद कराने व उनके खिलाफ सख्त क्रिमिनल ऑफेन्स की कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
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