संतोष कुमार गुप्ता : कोरोनावायरस के कहर को देखते हुए राज्य में लॉकडाउन लगा और स्कूल बंद करने का फैसला हुआ तो बिहार के मुजफ्फरपुर के मीनापुर के स्कूल शिक्षक विनोद की आंखों के आगे अंधेरा छा गया. खेमाइपट्टी में विनोद इंडिया प्रेप पब्लिक स्कूल चलाते हैं. वहां नर्सरी से लेकर आठवीं तक 250 बच्चे पढ़ते थे. स्कूल की आय ही जीने का आधार था, लेकिन लॉकडाउन के कारण स्कूल को बंद करना पड़ा. इस कारण उनपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. इसके बाद विनोद ने स्कूल में ही मशरूम उत्पादन करना शुरू कर दिया.
सेंट आर सेटी के प्रशिक्षक सुनिल कुमार झा ने उन्हें राजेंद्र कृषि विवि, पूसा से मशरूम उपलब्ध करा दिया. महज दो हजार रुपये की पूंजी से उन्होंने मशरूम का उत्पादन शुरू किया. इस खेती से अब विनोद की किस्मत चमक गयी है. अब स्कूल में दो हजार मशरूम के पैकेट हो गये हैं. करीब सात हजार रुपये की रोज आमदनी हो रही है.
मार्च तक दस लाख मुनाफा होने का अनुमान है. फिलहाल 20 से 25 किलो मशरूम रोज निकल रहा है. 15 दिसंबर के बाद 60 से 70 किलो उत्पादन पहुंच जायेगा. बीएओ राजदेव राम ने बुधवार को खेमाइपट्टी पहुंच कर दस पैकेट मशरूम का क्रॉप कटिंग किया, जिसमें एक किलो मशरूम निकला.
बीएओ ने कहा कि विनोद कृषि क्षेत्र में नया प्रयोग कर मिसाल पेश किया है. विनोद सेंट आर सेटी व कृषि विज्ञान केंद्र, सरैया से भी प्रशिक्षण ले चुका हैं, उन्हें एक पुत्र व एक पुत्री है. बाढ़ में दो एकड़ में लगी फसल बह गयी. इसके बावजूद विनोद को इसका मलाल नहीं है. अब शिक्षा का मंदिर मशरूम उगल रहा है.
Posted by : Avinish Kumar Mishra