46 केंद्रों पर ली जायेगी स्नातक द्वितीय वर्ष की परीक्षा, एडमिट कार्ड अगले सप्ताह

Graduation second year examination will be taken at 46 centres, admit card next week.

By Prabhat Khabar News Desk | April 20, 2024 7:46 PM

29 अप्रैल से शुरू हो रही है स्नातक सत्र 2022-25 के द्वितीय वर्ष की परीक्षा

46 केंद्रों पर ली जायेगी स्नातक द्वितीय वर्ष की परीक्षा, एडमिट कार्ड अगले सप्ताह

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

बीअरए बिहार विश्वविद्यालय ने स्नातक सत्र 2022-25 के द्वितीय वर्ष की परीक्षा को लेकर केंद्रों की संशोधित सूची जारी कर दी है. परीक्षा के लिए पांच जिलाें में 46 केंद्रों का निर्धारण किया गया है. इसको लेकर गठित कमेटी ने चुनाव को लेकर प्रशासन की ओर से केंद्रों को अधिगृहित किये जाने के बाद समीक्षा करते हुए केंद्रों की सूची फाइनल की है. अब फिर से एडमिट कार्ड में केंंद्रों का नाम संशोधित किया जा रहा है. दो से तीन दिनों में एडमिट कार्ड तैयार कर इसे कॉलेजों को भेज दिया जाएगा. 25 अप्रैल के बाद छात्र-छात्राएं एडमिट कार्ड कॉलेज से प्राप्त कर सकते हैं. परीक्षा 29 अप्रैल से दो पालियों में शुरू होगी. परीक्षा नियंत्रक डॉ टीके डे ने बताया कि परीक्षा केंद्रों का निर्धारण होने के बाद एडमिट कार्ड तैयार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि परीक्षा का कार्यक्रम पहले ही जारी किया जा चुका है. इस परीक्षा में एक लाख से अधिक छात्र-छात्राएं शामिल होंगे.

तीन वर्षीय पैटर्न में द्वितीय वर्ष की यह आखिरी विशेष परीक्षा :

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में चार वर्षीय स्नातक कोर्स 2023 सत्र से लागू हो गया है. ऐसे में तीन वर्षीय स्नातक कोर्स के लिए द्वितीय वर्ष की यह आखिरी विशेष परीक्षा होगी. इसमें पूर्व के वर्षों में प्रमोटेड होने वाले विद्यार्थियों को भी मौका दिया गया है. इस परीक्षा में जो स्टूडेंट्स फॉर्म नहीं भर सके. अब उन्हें दूसरा मौका नहीं दिया जायेगा.

कॉलेजों में चल रही प्रायोगिक परीक्षा :

थ्योरी पेपर की परीक्षा शुरू होने से पहले विश्वविद्यालय के निर्देश पर कॉलेजों में थ्योरी पेपर की परीक्षा चल रही है. विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया है कि नजदीकी कॉलेज से एक्सटर्नल को बुलाकर प्रायोगिक परीक्षा लेना है. साथ ही 25 अप्रैल तक सीलबंद लिफाफा में मार्क्स की तीन प्रति और उसकी साफ्ट काॅपी परीक्षा विभाग को भेजना है. कॉलेजों को निर्देश दिया गया है कि वे हर हाल में प्रायोगिक परीक्षा के अंक विश्वविद्यालय को उपलब्ध करा दें. अंक नहीं उपलब्ध कराने की स्थिति में यदि परिणाम पेंडिंग होता है तो इसके लिए संबंधित कॉलेज संचालक दोषी माने जायेंगे.

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