::: जमाबंदी के नये नियम लागू होने के कारण 23 फरवरी के बाद से घटकर 30-35 फीसदी पर पहुंच गयी थी जमीन रजिस्ट्री वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर रजिस्ट्री के नियम में हुए बदलाव यानी जिनके नाम जमाबंदी, उन्हें मिली बिक्री के अधिकार के बाद जिले में घटकर 30-35 फीसदी तक पहुंची जमीन रजिस्ट्री की संख्या में थोड़ी वृद्धि हुई है. नियम बदलने के लगभग ढाई महीने बाद अचानक कम हुई रजिस्ट्री में सुधार दिख रहा है. इससे जिले में रोजाना 30-35 के बीच हो रही दस्तावेजों की रजिस्ट्री अब 45-50 तक पहुंच गया है. लीज एग्रीमेंट आदि को मिलाकर 60 से अधिक दस्तावेज रजिस्ट्री के लिए पेश किये जा रहे हैं. पूरे जिले की बात करें तो रोजाना 100 के आसपास दस्तावेजों की रजिस्ट्री शुरू हो गयी है. इससे रजिस्ट्री ऑफिस का खजाना भी भरने लगा है. हालांकि, अभी भी तय मासिक लक्ष्य के अनुपात में काफी कम राजस्व की प्राप्ति हो रहा है. बता दें कि 23 फरवरी से पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने जमाबंदी वाले नियम को लागू करते हुए पत्र जारी किया था. तब से रोजाना 125-150 के बीच हो रही रजिस्ट्री की संख्या घटकर 30-35 पर पहुंच गयी थी. यह आंकड़ा सिर्फ मुजफ्फरपुर कार्यालय का है. जिले के चार अन्य मुफस्सिल कार्यालय सकरा, पारू, मोतीपुर और कटरा को मिला सामान्य दिनों में 250-300 के बीच जमीन की पहले खरीद बिक्री होती थी, जो इन दिनों घटकर 100 के अंदर पहुंच गया है. बॉक्स ::: पुराने रिकॉर्ड की बढ़ी डिमांड, 100 से अधिक चिरकुट हो रहा फाइल नियम बदलने के बाद दादा, परदादा के नाम जमाबंदी वाले जमीन को अपने नाम कराने के लिए लोग बड़ी संख्या में पुराने रजिस्टर्ड डीड की तलाश कर रहे हैं. इस कारण रजिस्ट्री ऑफिस के रिकॉर्ड रूम से पुरखों के नाम रजिस्टर्ड दस्तावेज की खोजबीन के लिए पहले की तुलना में सीधे दो से तीन गुना चिरकुट फाइल होने लगा है. रिकॉर्ड सेक्शन के अनुसार, वर्तमान में एक दिन में 90-115 के बीच चिरकुट फाइल हो रहा है. इसके आधार पर पुराने दस्तावेजों की खोजबीन कर आवेदक को उपलब्ध कराया जा रहा है. कोट : पहले की तुलना में रजिस्ट्री में वृद्धि हुई है. चुनाव के बाद और भी वृद्धि होगी. लोग अपना-अपना जमाबंदी कायम करा रजिस्ट्री के लिए पहुंच रहे हैं. यह अच्छा संकेत है. आने वाले दिनों में परिमार्जन व जमाबंदी के मामले निष्पादित होने पर रजिस्ट्री और भी बढ़ेगी. मनीष कुमार, जिला अवर निबंधक, मुजफ्फरपुर
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है