वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर शहरी क्षेत्र में आवासीय व कमर्शियल भवनों का निर्माण करा होल्डिंग टैक्स निर्धारित नहीं कराने वाले लोगों के ऊपर नगर निगम सख्ती बरतना शुरू कर दिया है. नगर आयुक्त नवीन कुमार ऐसे भवनों को चिह्नित कर तहसीलदार के माध्यम से नोटिस भेजना शुरू कर दिया है. अब तक 500 से अधिक भवनों के मालिक को नोटिस भेजा जा चुका है. व्यक्तिगत रूप से नोटिस नहीं रिसीव करने पर निर्माणाधीन मकान के ऊपर तहसीलदार को नोटिस चस्पा देने का आदेश दिया गया है. नोटिस मिलने के एक सप्ताह के भीतर होल्डिंग कायम कराते हुए नगर निगम को प्रॉपर्टी टैक्स की राशि नहीं जमा करते है. तब ऐसे भवन के मालिकों को दो एवं पांच हजार रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ेगा. इसमें आवासीय भवनों के स्वामी को दो हजार एवं व्यावसायिक भवनों के मालिक को पांच हजार रुपये का जुर्माना लगना है. नगर आयुक्त ने कहा कि सभी निर्माणाधीन मकान के स्वामी को मकान व दुकान से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए सेल्फ असेसमेंट फॉर्म भरकर नगर निगम में जमा करना है. बता दें कि शहर में बड़ी संख्या में वैध एवं अवैध तरीके से मकान का निर्माण हो रहा है. वैध तरीके से नगर निगम से नक्शे की स्वीकृति करा निर्माण कर रहे हैं एवं अवैध तरीके से बिना नक्शा स्वीकृति निर्माण चल रहा है. ऐसे लोग नगर निगम की सुविधाएं तो ले रहे हैं. लेकिन, असेसमेंट नहीं होने के कारण टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं. नक्शे की विपरीत निर्माण वाले भवनों की शुरू हुई जांच शहरी क्षेत्र में बड़ी संख्या में आवासीय एवं कमर्शियल भवनों का निर्माण चल रहा है. मुख्य रोड से सटे कई ऐसे निर्माणाधीन बिल्डिंग है, जिसका नक्शा नगर निगम से आवासीय स्वीकृत है. लेकिन, निर्माण के बाद उसका उपयोग कमर्शियल के रूप में किया जा रहा है. कलमबाग चौक इलाके में सबसे ज्यादा मकान का निर्माण चल रहा है. इसकी जांच को गुरुवार को नगर निगम की टीम पहुंची. एक दर्जन से अधिक निर्माणाधीन मकान की जांच-पड़ताल करने के बाद बिल्डिंग के मालिक को नगर निगम से स्वीकृत नक्शा के साथ उपस्थित होने का आदेश दिया गया है. बताया जाता है कि जितने भी भवनों का निर्माण चल रहा है. स्वीकृत नक्शे के विपरीत पाया गया है. रिपोर्ट के बाद बारी-बारी से सभी के ऊपर कार्रवाई होगी. टैक्स चोरी पकड़ने के चक्कर में जुलाई महीने में कम हुई वसूली प्रॉपर्टी टैक्स की चोरी कर रहे लोगों को पकड़ने के चक्कर में नगर निगम का वसूली कम गया है. चालू वित्तीय वर्ष के शुरुआती तीन महीने में लगभग 10 करोड़ रुपये की वसूली हुई. तब पांच फीसदी की छूट भी नगर निगम की तरफ से दिया गया. लेकिन, एक जुलाई से छूट का प्रावधान खत्म होने के बाद वसूली का ग्राफ काफी नीचे गिर गया है. जुलाई महीने में दो करोड़ रुपये की भी वसूली नहीं हो पायी है. हालांकि, निगम पदाधिकारियों का कहना है कि होल्डिंग असेसमेंट का कार्य खत्म होते ही वसूली का ग्राफी तेजी से बढ़ेगा.
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