मुजफ्फरपुर : महमदपुर में तिरहुत नहर का बांध टूटने से सैंकड़ों परिवार प्रभावित हो गये. इन्हीं में बृज पासवान का घर भी जलमग्न हो गया. वह अपने परिवार के साथ सड़क पर ही शरण लिये हुए है. सोमवार को राखी बांधने उसकी बहन मुनिलाल देवी पहुंची तो भाई के घर की स्थिति देख उसकी आंखों में आंसू आ गये. चारों ओर से पानी से घिरे घर का कोई कोना नहीं बचा था,जहां वह रूक कर अपने भाई की रक्षा के लिए प्रार्थना कर सके. हर साल वह अपने भाई के घर आकर राखी बांध उनके लंबे उम्र की कामना करती थी.मुशहरी थाना क्षेत्र के नवादा गांव में मुनीलाल देवी का ससुराल है. सोमवार को उसने अपने भाई को सड़क पर ही खड़ी होकर राखी बांधी. लेकिन भाई से रक्षाबंधन पर कुछ उपहार के बदले उसके पूरे परिवार को अपने ससुराल नवादा चलने का आग्रह किया.
कोरोना संक्रमण के बीच सेंट्रल जेल के बंदियों की कलाई सुनी नहीं रही. रक्षाबंधन के अवसर पर सोमवार को 155 बहनों ने बंद लिफाफे में अपने भाई के लिए प्यार भेजा. जेल के में गेट पर जेलर सुनील कुमार मौर्य स्वयं अपनी टीम के साथ सुबह छह बजे से मौजूद रहे. जितनी भी रखी पहुंची,उसको पूरी तरह से सैनिटाइज करके बंदियों तक पहुंचा दिया गया. इस दौरान किसी भी तरह के खाद्य पदार्थ और मिठाई स्वीकार नहीं किया गया.जेलर ने बताया कि जेल में बाहरी लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक है. जेल प्रशासन ने बहनों की भावनाओं का कद्र करते हुए बंद लिफाफे में बंदियों के लिए राखी भेजने की मंजूरी दी थी. सुबह छह बजे से ही बहन राखी लेकर जेल के मेन गेट पर पहुंचने लगी थी. उनका स्नेहपूर्वक लिफाफा कबूल किया गया.
रक्षाबंधन पर सोमवार को बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी और उनके सुखमय जीवन की कामना की. त्योहार को लेकर सुबह से ही घरों मे उल्लास का माहौल रहा. मुहूर्त के अनुसार सुबह 8.28 के बाद बहनों ने भाइयों को तिलक लगाया और उनकी कलाई पर राखी बांध कर मुंह मीठा कराया. भाइयों ने भी बहनों को नेग देकर उनके सुख-समृद्धि और आरोग्य की कामना की. लॉकडाउन समाप्त होने के कार भाई-बहनों को एक दूसरे के घर जाने में आसानी हुई.
अखंड भारत पुरोहित महासभा पेड़ को राखी बांध कर उसे बचाने का संकल्प लिया. लोगों ने कहा कि पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर हमें ऑक्सीजन उपलब्ध कराते हैं. अगर पेड़ नहीं होते तो पृथ्वी हरा भरा और खुशहाल नहीं रहता. हमें पृथ्वी को बचाए रखना है तो अधिक मात्रा में पौधे लगाने होंगे पेरों के कारण ही पृथ्वी हरी-भरी है और हमारा जीवन खुशहाल है.
posted by ashish jha