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पहले भी बारिश में डूब चुका है मुजफ्फरपुर, इस बार और बिगड़ेंगे हालात, जानिए क्या है तैयारी

मुजफ्फरपुर में मानसून पूर्व तैयारियों की समीक्षा के दौरान पार्षदों ने एक स्वर में कहा कि कागज पर रिपोर्ट तैयार की गई है, धरातल पर कोई काम नहीं हुआ है. आउटलेट, पुलिया और नालों की सफाई को पार्षदों ने औपचारिकता बताया

Preparation For Monsoon: बरसात को लेकर मुजफ्फरपुर नगर निगम की अब तक की गयी तैयारियों की शहर के माननीयों ने एक सिरे से खारिज कर दिया है. निगम सरकार के साथ-साथ नगर विधायक तक ने कहा कि खैर मनाइए की बारिश नहीं हो रही है. अगर बारिश हो गयी, तो शहर को डूबने से कोई नहीं बचा पायेगा. अन्य सालों की तुलना में इस साल और भी बदतर हालात होंगे. बेतरतीब निर्माण व गड्ढे के कारण लोगों की जन जाएगी. स्मार्ट सिटी से सीवरेज निर्माण के साथ जो सड़क बनी है. देखने में अच्छी है. लेकिन, बारिश के दौरान ये सड़क कहीं से भी धंस जाएगी. सड़क किनारे जिनके घर व दुकान है, उनको भी नुकसान उठाना पड़ सकता है.

मेयर निर्मला साहू ने कहा कि अगर वाकई में नाले की उड़ाही सही से हुई होती, तो एक भी पार्षद जरूर बोलते कि उनके वार्ड में काम हुआ है. राज्य सरकार के निर्देश पर सोमवार को टाउन हॉल में बरसात से पूर्व की तैयारी की समीक्षा की गयी. सरकार की कोशिश है कि जनप्रतिनिधि व अधिकारी जब आमने-सामने में बैठ मीटिंग करेंगे, तब सच्चाई सामने आयेगी. जहां कमियां रह गयी होगी, उसे दूर किया जायेगा. इसी उद्देश्य से सोमवार की मीटिंग मेयर निर्मला साहू की अध्यक्षता में हुई.

विधायक विजेंद्र चौधरी, उप महापौर डॉ मोनालिसा के अलावा लगभग ढाई दर्जन पार्षद इस मीटिंग में शामिल हुए. इस दौरान नगर आयुक्त ने सभी दस अंचल के इंस्पेक्टरों के समक्ष बारी-बारी से पार्षदों से नाले की हुई उड़ाही व अधूरे कार्य पर मंतव्य मांगा. तब मीटिंग हॉल में मौजूद एक-एक पार्षदों ने प्रशासनिक तैयारी की पोल खोल कर रखी दी. हालांकि, इस दौरान नगर आयुक्त किसी भी तरह का कोई जवाब किसी पार्षद को देते नजर नहीं आये. वे चुपचाप सभी की समस्या को नोट कर रहे थे.

स्टैंडिंग सदस्य की दिखी नाराजगी, कहा नगरीय सुविधा देते नहीं और टैक्स ले रहे

स्टैंडिंग सदस्य राजीव कुमार पंकू ने कहा कि मैं इस निगम का सबसे पुराना पार्षद हूं. 2017 में स्मार्ट सिटी मिला. 2024 तक कोई काम नहीं हुआ. जबकि, राशि करोड़ों में खर्च हो चुकी है. नाला उड़ाही के लिए सुपर सकर मशीन की खरीदारी हुई. छह माह से कोई मशीन काम नहीं कर रही है. करोड़ों रुपये खर्च के बाद भी लोगों को फायदा नहीं है. शहर में रह रहे लोगों की निगम से एक ही उम्मीद रहती है कि बेहतर सड़क, पानी और सफाई की व्यवस्था रहे.

दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि इसमें से कोई भी सुविधा हम लोग सही से नहीं दे पा रहे हैं. जबकि, टैक्स में कोई कमी नहीं है. कमर्शियल भवनों का टैक्स डेढ़ से तीन गुना बढ़ाकर वसूल रहे हैं. अब इन बिंदुओं पर सोचने का नहीं कार्रवाई करने का वक्त आ गया है.

मेयर ने पूछा, कार्रवाई से क्यों पीछे हट रहे हैं नगर आयुक्त

मेयर निर्मला साहू ने कहा कि शहर में बुडको व स्मार्ट सिटी से जो निर्माण कार्य हो रहा है. इसकी गुणवत्ता निम्न स्तर की है. स्मार्ट सिटी, बुडको व नगर निगम के बीच सही समन्वय नहीं होने के कारण ही शहर आज इस दुर्दशा में पहुंच गया है. सिटी मैनेजर व इंजीनियर को अपने दायित्व का बिलकुल पता नहीं है. जिन पदाधिकारी को वातानुकूलित गाड़ी नहीं देना था. उन्हें भी एसी गाड़ी व चैंबर उपलब्ध करा दिया गया है. इसी का नतीजा है कि लोग फील्ड में निकल कर काम कराने की बजाय ऑफिस में बैठे रहते हैं.

मेयर ने मीटिंग के दौरान ही कहा कि न जाने नगर आयुक्त की क्या मजबूरियां है, जो वे कार्रवाई करने से पीछे हट रहे हैं. उनके पदाधिकारी गलत रिपोर्ट देते हैं. शिकायत भी मिलती है. जांच की बात कह चुप्पी साध ले रहे हैं.

Preparation For Monsoon
बरसात से पूर्व की तैयारी की समीक्षा बैठक

केके पाठक की कार्यकाल की विधायक ने करायी याद, कहा एक्शन लीजिए, हम साथ हैं

नगर विधायक विजेंद्र चौधरी ने नगर आयुक्त रहे केके पाठक के कार्यकाल की याद दिलाते हुए नगर आयुक्त से कहा कि धीमी गति से काम करने से शहर की स्थिति नहीं सुधरने वाली है. आप खुद सख्त होइए. स्मार्ट सिटी, बुडको व निगम की योजनाओं की खुद से मॉनिटरिंग कीजिए. जहां आवश्यकता पड़े वहां सख्ती से कार्रवाई कीजिए. शहर का हर पब्लिक व जनप्रतिनिधि आपके साथ होगा. अगर ऐसा नहीं करते हैं और अगर बरसात में जलजमाव की समस्या हुई. तब जहां-जहां समस्या होगी. हम वहीं धरना पर बैठ निगम की पोल खोलेंगे.

विधायक ने कहा कि अभी भी कुछ वक्त है, जिसमें काम हो सकता है. विधायक ने कहा कि निगम के कर्मचारी से लेकर पदाधिकारी तक सुस्त पड़े हैं. जमादार व इंस्पेक्टर का जाे काम है. वह पार्षद कर रहे हैं. यह दुखद है.

मीटिंग के दौरान आये महत्वपूर्ण सुझाव

  • चतुर्भुज स्थान से मालीघाट चौक तक नया नाला बनाने व पुराने नाले का मैनुअल तरीके से सफाई कराने से कालीबाड़ी रोड में दूर होगी जलजमाव की समस्या.
  • कलमबाग चौक, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय और नीम चौक के पास नया कल्वर्ट बनाने से कई वार्डों की पानी निकासी में होगी सहूलियत.
  • पंकज मार्केट से गोला बांध रोड होते हुए चंदवारा स्लुइस गेट तक नाले से अतिक्रमण हटा बेहतर सफाई कराने से आधा दर्जन वार्डों को होगा फायदा.
  • अघोरिया बाजार से कलमबाग चौक एवं कलमबाग चौक हनुमान मंदिर से होमलेस चौक होते हुए यूनिवर्सिटी, दामुचक तक नाले की बेहतर सफाई कराने की मांग.
  • अतरदह, कच्ची पक्की, सादपुरा में अधूरे नाला व कल्वर्ट का निर्माण कराने के साथ फरदो आउटलेट की बेहतर तरीके से उड़ाही की मांग.

मीटिंग से डेढ़ दर्जन पार्षदों का किनारा, कहा खानापूर्ति के लिए बुलायी गयी थी मीटिंग

सरकार के आदेश पर बरसात पूर्व की गयी तैयारी पर चर्चा के लिए जो मीटिंग बुलायी गयी थी. इसे निगम के एक तिहाई पार्षदों ने खानापूर्ति बताया है. पार्षद संजय केजरीवाल, सनत कुमार, पूर्व मेयर वर्षा सिंह, शोभा देवी, रुपम कुमारी, चंदा कुमारी, प्रियंका शर्मा आदि उपस्थित नहीं थे. पार्षद संजय केजरीवाल, सनत कुमार ने कहा कि जब पहले से पता है कि 15 दिसंबर से 15 जून तक नाले की सफाई कर लेना है. फिर 24 जून को मीटिंग बुलाने का क्या औचित्य था. यह मीटिंग खानापूर्ति के लिए बुलायी गयी थी. इसलिए, ऐसे मीटिंग में जाना ही बेकार है.

इन पार्षदों की निगम की कार्यशैली से सबसे ज्यादा नाराजगी है. कहना है कि उनके वार्ड की सफाई व जलापूर्ति व्यवस्था चौपट हो गयी है. डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन नहीं हो रहा है. टिपर व ट्रैक्टर भेजने में बहलखाना से मनमानी होती है. कर्मचारी से लेकर पदाधिकारी तक बेलगाम हो चुके हैं. ऐसे में अब निगम के हर मीटिंग का ये पार्षद बहिष्कार करने की योजना बना रहे हैं.

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