22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार के इस अस्पताल के कोरोना आइसीयू में बिजली व पानी नदारद, चिकित्सक भी गायब

एसकेएमसीएच में गंभीर कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए सौ बेड का भले ही आइसोलेशन वार्ड बना दिया गया है, लेकिन भर्ती मरीज की बदहाल स्थिति कुछ और ही बयां करती है. आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीज को डॉक्टर तो इलाज करना दूर, पारा मेडिकल स्टॉफ व नर्स देखने तक नहीं जा रहे हैं. आइसीयू में पिछले 24 घंटे से बिजली गायब थी.

मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच में गंभीर कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए सौ बेड का भले ही आइसोलेशन वार्ड बना दिया गया है, लेकिन भर्ती मरीज की बदहाल स्थिति कुछ और ही बयां करती है. आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीज को डॉक्टर तो इलाज करना दूर, पारा मेडिकल स्टॉफ व नर्स देखने तक नहीं जा रहे हैं. आइसीयू में पिछले 24 घंटे से बिजली गायब थी.

आइसीयू मे भर्ती शहर के एक वरीय शिशु रोग विशेषज्ञ अस्पताल में जीवन और मौत से जूझ रहे हैं. उन्हें देखने वाला तक कोई नहीं है. चिकित्सक ने सोशल मीडिया पर एसकेएमसीएच के इस कोरोना आइसीयू की बदहाली की स्थिति बयां की है.

सोशल मीडिया पर लिखा है कि अस्पताल में लोग स्वस्थ होने के लिए जाते हैं, लेकिन यहां की बदहाली से लोग और बीमार पड़ सकते हैं. भर्ती मरीज को कोई पूछने वाला तक नहीं है. सोशल मीडिया पर लिखा है कि चिकित्सकों का रोस्टर तो बना है, लेकिन आज तक वहां कोई देखने तक नहीं गया. पारा मेडिकल स्टाफ, नर्स व अन्य कर्मचारी कहां हैं, इसकी भी किसी को जानकारी नहीं है.

बाथरूम में पानी नहीं होने से परिजन मरीज को बाथरूम जाने के लिए बाहर से पानी खरीद कर पहुंचाते हैं. सोमवार देर रात जब लोगों ने हंगामा किया तो करीब 12 बजे अस्पताल प्रबंधन द्वारा नीचे से एक तार जोड़ कर दो बल्ब जला दिया गया. लेकिन, वेंटिलेटर और मॉनिटर को बिजली से नहीं जोड़ा गया. बिजली कटने की स्थिति में जेनरेटर भी नहीं है.

शहर के सेवानिवृत्त चिकित्सक डॉ पी ओझा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि काफी दुर्भाग्यपूर्ण है बाथरूम में पानी नहीं होना. आइसीयू में वेंटिलेटर, मॉनिटर नहीं चलना मरीजों की जान से खिलवाड़ है.

इधर, आइएमए की सचिव डा प्राची सिंह ने कहा कि आइसीयू की बदहाल व्यवस्था में तत्काल सुधार होना चाहिए. रोस्टर के अनुसार प्रतिनियुक्त चिकित्सक, नर्स व अन्य स्टाफ को 24 घंटे राउंड ओ क्लॉक काम पर रहना चाहिए. बिजली की 24 घंटे व्यवस्था होनी चाहिए. आवश्यक दवाइयां की व्यवस्था होनी चाहिए. इसकी मॉनिटरिंग के लिए एक सेल गठित हो.

posted by ashish jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें