चार स्मैक तस्करों को 15 साल की सजा, डेढ़ लाख जुर्माना भी

चार स्मैक तस्करों को 15 साल की सजा, डेढ़ लाख जुर्माना भी

By Prabhat Khabar News Desk | May 18, 2024 8:41 PM

मुजफ्फरपुर. विशेष एनडीपीएस कोर्ट दो ने वैशाली व पूर्वी चंपारण के चार स्मैक तस्करों को 15 साल के कठोर कारावास व डेढ़ लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. न्यायाधीश नरेंद्रपाल सिंह ने आदेश दिया कि जुर्माना नहीं देने पर अतिरिक्त एक साल की कैद होगी.चारों तस्करों को तीन साल पहले कांटी थाना के दामोदरपुर में एक किलो स्मैक व 450 ग्राम अन्य मादक पदार्थ के साथ गिरफ्तार किया था. मामले में प्रभारी विशेष लोक अभियोजक मुकेश प्रसाद सिंह ने सात गवाहों की गवाही करायी थी. एफएसएल की रिपोर्ट अहम साक्ष्य के तौर पर साबित हुई. विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि पूर्वी चंपारण के घोड़ासाहन थाना के लौखान निवासी हितलाल सिंह, छतौनी थाना के बड़ा बरियारपुर निवासी कैश आलम, वैशाली जिले के महुआ निवासी राजेश कुमार व ब्रजेश सिंह को सजा सुनायी गयी है. इन्हें 24 मई 2021 को कांटी के तत्कालीन थानेदार कुंदन कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने दामोदरपुर के राजेंद्र नगर मोहल्ला से गिरफ्तार किया था. थानेदार ने एफआइआर में कहा कि मोहन कुमार सिंह के मकान में हितलाल सिंह ने किराये पर कमरा लिया था. इसी कमरे से स्मैक की खरीद-बिक्री का अवैध धंधा करता था. 24 मई को सूचना मिली कि वह कमरे से ही कई धंधेबाजों से स्मैक की डील कर रहा है. इसी सूचना पर छापेमारी कर तलाशी ली गयी. तब एक किलो स्मैक व 450 ग्राम अन्य मादक पदार्थ बरामद किये गये थे. साथ ही उसी कमरे से स्मैक के साथ चारों आरोपितों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने उन्हें 25 मई 2021 को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था. आइओ ने मामले में 5 जुलाई 2021 को चार्जशीट दाखिल की थी. पारु थानाध्यक्ष समेत दो पर परिवाद मुजफ्फरपुर.पारु निवासी सुनील कुमार ने गाली-गलौज व मारपीट को लेकर अपने अधिवक्ता नवनीत कुमार के माध्यम से एसीजेएम-पश्चिमी की अदालत में परिवाद दर्ज कराया है. जिसमें पारु थानाध्यक्ष मोनू कुमार, दारोगा अश्विनी कुमार को आरोपी बनाया है. परिवाद के ग्रहण के बिंदु पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 31 मई की तिथि तय की है. सुनील ने आरोप लगाया है कि 7 मई की सुबह 10 बजे वह पारु चौक स्थित जिम में कसरत कर रहे थे. सूचना मिली की पड़ोसी अजय कुमार गुप्ता व उनके छोटे बेटे को पारु पुलिस उठाकर पीटते हुए थाने पर ले गयी है. सूचना पर वह ग्रामीणों के साथ थाने पहुंचे. थानाध्यक्ष से जानना चाहा कि दोनों को किस मामले में पकड़ कर थाने लाये हैं. इसी बात पर थानाध्यक्ष ने दुर्व्यवहार किया.

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