पेंडिंग परिणाम को ठीक करने के लिए कॉलेजों को भेजी जाएगी टीआर की साॅफ्ट काॅपी

पेंडिंग परिणाम को ठीक करने के लिए कॉलेजों को भेजी जाएगी टीआर की साॅफ्ट काॅपी

By Prabhat Khabar News Desk | December 16, 2024 12:54 AM

परीक्षा विभाग ने की पहल, इमेल के माध्यम से सॉफ्ट कॉपी भेजी जाएगी, इसमें पेंडिंग के कारण का रहेगा जिक्र

मुजफ्फरपुर.

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय ने पेंडिंग परिणाम को ससमय दुरुस्त करने को लेकर विभिन्न परीक्षाओं के परिणाम जारी करने साथ ही एक सप्ताह के भीतर टीआर (टेबुलेशन रजिस्टर) की सॉफ्ट कॉपी कॉलेजों को भेजने का निर्णय लिया है. इसमें जिन छात्रों का परिणाम पेंडिंग होगा. उसका रिमार्क्स दिया रहेगा. इससे कॉलेजों को यह पता चल जाएगा कि उनके यहां किन छात्रों का परिणाम पेंडिंग है. साथ ही इसका कारण क्या है. ऐसे में कॉलेज संबंधित छात्रों का आवेदन लेकर विश्वविद्यालय को भेज देंगे. एक साथ उनकी समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा. अबतक पेंडिंग परिणाम में सुधार को लेकर एक-एक कर छात्रों का आवेदन अग्रसारित किया जाता रहा है. ऐसे में छात्रों को कॉलेज से लेकर विश्वविद्यालय तक का चक्कर लगाना पड़ता है. कॉलेजों में टीआर ससमय नहीं मिलने के कारण यह परेशानी होती थी कि परिणाम में किस स्तर से गड़बड़ी है. ऐसे में कॉलेज छात्र का आवेदन विश्वविद्यालय को अग्रसारित कर देते थे.

आइटी सेल काे दिया गया है जिम्मा :

सभी कॉलेजों को परिणाम जारी होने के एक सप्ताह के भीतर टीआर की सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध करा दी जाएगी. इसका जिम्मा विश्वविद्यालय के आइटी सेल को दिया गया है. कॉलेजों को कहा गया है कि यदि उनके पास टीआर की कॉपी नहीं पहुंचे तो वे आइटी सेल से समन्वय स्थापित कर इसे प्राप्त कर सकते हैं. बता दें कि विश्वविद्यालय की ओर से पिछले सप्ताह में चार वर्षीय स्नातक कोर्स के द्वितीय सेमेस्टर का परिणाम जारी किया गया है. प्रयोग के तौर पर इसी सेमेस्टर से टीआर भेजने का कार्य शुरू कर दिया गया है.

कॉलेजों से ससमय नहीं आता इंटरनल का अंक :

परिणाम में पेंडिंग की समस्या कम से कम हो इसको लेकर विश्वविद्यालय की ओर से पहल की जा रही है. बताया गया कि कॉलेजों की ओर से ससमय इंटरनल और प्रायोगिक परीक्षा का अंक नहीं भेजा जाता. कई बार दिये गये फॉर्मेट में अंक नहीं भेजे जाने के कारण उसे परिणाम में फीड करने में परेशानी होती है.

अब पोर्टल पर ही अपलोड करना होगा प्रायोगिक परीक्षा का अंक :

विश्वविद्यालय ने बीते दिनों इंटरनल और प्रायोगिक परीक्षा का अंक केंद्रीकृत तरीके से प्राप्त करने को लेकर पाेर्टल लांच किया था. अब इसी पोर्टल के माध्यम से अंक विश्वविद्यालय को भेजना होगा. इसको लेकर सभी कॉलेजों में एक-एक नोडल पदाधिकारी बनाए जाएंगे. वे लगातार समन्वय बनाएंगे. कार्यशाला में उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

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