बीआरएबीयू की नयी पहल : छात्र संवाद में अब प्रत्येक सप्ताह समस्या सुलझाएंगे
छात्र संवाद में अब प्रत्येक सप्ताह समस्या सुलझाएंगे
कुलपति ने कहा-सोमवार को होगा छात्र संवाद, आयोजन के बाबत अधिकारियों को दिये निर्देश मुजफ्फरपुर. बीआरएबीयू में प्रत्येक सोमवार को छात्र संसद के जरिये छात्रों की समस्याएं सुलझायी जायेंगी. विवि में अगले सप्ताह से इसका आयोजन किया जायेगा. इसमें छात्रों की विभिन्न समस्याओं को सुनकर, उसका समाधान किया जायेगा. कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने इस संदर्भ में अधिकारियों को निर्देश दिये हैं. कुलपति ने कहा कि छात्र-छात्राओं की समस्याओं का समाधान करना विश्वविद्यालय की पहली प्राथमिकता है. उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं. वहीं छात्र संवाद शुरू करने की योजना विश्वविद्यालय के स्तर से पहले ही दी गई थी. इस दिशा में अब तक कार्य नहीं होने पर कुलपति ने अधिकारियों से इसकी जानकारी भी ली. गेस्ट हाउस में दो घंटे सुनेंगे छात्रों की समस्याएं छात्र संवाद का आयोजन विवि के ओल्ड गेस्ट हाउस में किया जायेगा. कार्यक्रम के लिए दोपहर बाद करीब 2 घंटे का समय तय किया गया है. संवाद में प्राॅक्टर, डीएसडब्ल्यू, रजिस्ट्रार से लेकर परीक्षा नियंत्रक तक मौजूद रहेंगे. छात्र-छात्राओं की समस्याओं को दूर करने के लिए आवेदन भी लिये जायेंगे. वहीं आन द स्पाट मामलों का निपटारा होगा. अगर किसी शिकायत का निपटारा तत्काल नहीं हो सकता है, तो उसके लिए तिथि व संबंधित विभाग का निर्धारण किया जायेगा. वहीं हर हफ्ते अलग-अलग विभाग की समस्याओं और पेंडिंग कार्यों को चिह्नित कर छात्रों के बीच उसका निपटारा किया जायेगा. स्पष्ट किया गया कि यदि पहले हफ्ते परीक्षा विभाग से जुड़ा मामला आयेगा तो दूसरे सप्ताह छात्र कल्याण विभाग का. संवाद की शुरुआत के पहले दिन मौके पर कुलपति समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहेंगे. उसके बाद संबंधित विभाग के अधिकारी समस्याओं का निपटारा करेंगे. पेंडिंग रिजल्ट व डिग्री की समस्या का समाधान डिग्री व पेंडिंग रिजल्ट जैसी समस्या का समाधान अब आसानी से होगा. जिले से लेकर दूरदराज के क्षेत्रों से विभिन्न कार्यों व समस्याओं के लिए विश्वविद्यालय पहुंचे छात्रों की समस्याओं का समाधान होगा. अब तक अलग-अलग समस्याओं को लेकर छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय का चक्कर लगाते हैं. वहीं कई बार उन्हें सही जानकारी नहीं मिल पाती है. इसकी वजह से वे एक विभाग से दूसरे विभाग का चक्कर लगाते हैं. इसमें डिग्री नहीं मिलने से लेकर अंकपत्र सुधार, पेंडिंग से लेकर उत्तर पुस्तिकाओं की छाया प्रति हासिल करना, प्रोविजनल से लेकर रजिस्ट्रेशन की समस्या समेत अन्य परेशानी का निदान उन्हें मिलेगा.
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