मुजफ्फरपुर में टैक्स चोरी पर सख्ती: 24 वार्डों में 20 करोड़ रुपए बढ़ा टैक्स, 700 से ज्यादा नई होल्डिंग

मुजफ्फरपुर नगर निगम क्षेत्र में 53642 निजी होल्डिंग्स हैं. यहां अन्य होल्डिंग्स की पहचान के लिए सर्वे कराया जा रहा है. सर्वे में मिली नई होल्डिंग के बाद 55 हजार के पार पहुंचने की संभावना है.

By Anand Shekhar | May 22, 2024 5:40 AM

मुजफ्फरपुर शहरी क्षेत्र के ऐसे आवासीय व कमर्शियल बिल्डिंग की पहचान (सर्वे) में नगर निगम जुटा है, जिसके स्वामी अब तक नगर निगम से अपना होल्डिंग संख्या कायम कराये बिना नगरीय सुविधा लेते हुए टैक्स की चोरी कर रहे थे. पकड़ में आने के बाद ऐसे लोगों की मुश्किलें धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. बड़ी संख्या में लोग टैक्स की चोरी करते पकड़े जा रहे हैं. यही कारण है कि जैसे-जैसे सर्वे का कार्य आगे बढ़ रहा है. नगर निगम का प्रॉपर्टी टैक्स की डिमांड राशि भी बढ़ती जा रही है. अब तक नगर निगम 49 में से 24 वार्डों में सर्वे का कार्य पूरा कर लिया है. शेष बचे वार्डों में होल्डिंग असेसमेंट चल रहा है.

फिलहाल, नगर निगम वार्ड नंबर 25-32 तक में असेसमेंट का कार्य करा रहा है. इसके लिए कुल 33 टीमें लगी है. अब तक हुए सर्वे के बाद नगर निगम को 20 करोड़ रुपये से अधिक की डिमांड राशि बढ़ गया है. बताया जाता है कि हर वार्ड में 25-30 नया होल्डिंग की जानकारी मिल रही है. वहीं, लगभग 80 फीसदी लोग निर्मित भवन के अनुसार टैक्स देने की बजाय निर्माण को छिपा कम टैक्स दे रहे हैं.

इधर, निगम प्रशासन का कहना है कि कमर्शियल उपयोग कर रहे भवन के मालिक को सरकार के नये नियम के अनुसार तय राशि से तीन गुना अधिक का डिमांड नोटिस तैयार किया गया है. नोटिस भेजने के साथ इनके ऊपर बकाया राशि की वसूली के लिए प्रशासनिक शिकंजा भी कसा जायेगा.

वार्ड नंबर 25-32 तक में चल रहा है सर्वे

पहले फेज में वार्ड नंबर 01 से 08 तक में सर्वे का कार्य किया गया. दूसरे फेज में 09-15, तीसरे फेज में 16-24 और चौथे फेज में वार्ड नंबर 25-32 तक में सर्वे किया जा रहा है. टैक्स वसूली की डिमांड राशि बढ़ने से गदगद निगम प्रशासन ने इस बार 33 टीमें बना दिया है. इसमें तहसीलदार के साथ-साथ अमीन तक को शामिल किया गया है. ताकि, भवनों की पैमाइश व निर्धारित शुल्क के साथ टैक्स की राशि गणना करने में कोई कठिनाई उत्पन्न नहीं हो सके. अनुमान है कि चौथे फेज का कार्य पूरा होते-होते 50 करोड़ से अधिक रुपये का वसूली लक्ष्य तय हो जायेगा.

ऑनलाइन से ज्यादा ऑफलाइन ही हो रही वसूली

नगर निगम चालू वित्तीय वर्ष एक अप्रैल 2023 से प्रॉपर्टी टैक्स वसूली को ऑनलाइन कर दिया है. लेकिन, वसूली का जो रफ्तार है. इसमें सबसे ज्यादा वसूली अभी भी ऑफलाइन मोड यानी तहसीलदारों के माध्यम से ही हो रही है. चालू वित्तीय वर्ष में भी ऑनलाइन से ज्यादा ऑफलाइन मोड में ही लोग अपना टैक्स जमा कर रहे हैं. नियमित टैक्स जमा करने वाले को नगर निगम अभी 05 फीसदी की अतिरिक्त छूट भी दे रहा है.

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