बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को मिलेगा नैड – एबीसी का लाभ

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को मिलेगा नैड - एबीसी का लाभ

By Prabhat Khabar News Desk | April 10, 2024 9:37 PM

मुजफ्फरपुर . राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू होने और स्नातक और पीजी पाठ्यक्रम में सेमेस्टर सिस्टम शुरू होने के बाद विश्वविद्यालय अब डिजिटलाइज्ड हो रहा है. अब बीआरए बिहार विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं काे नैड (नेशनल एकेडमिक डिपोजिटरी) व एबीसी (एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट) का दिया जायेगा. विद्यार्थियों को पढ़ाई पूरी करने के बाद अंकपत्र से लेकर प्राेविजनल और डिग्री भी ऑनलाइन उपलब्ध करा दिया जायेगा. दूसरी ओर एबीसी में सभी परीक्षाओं का क्रेडिट स्काेर जमा रहेगा. विद्यार्थी यदि दूसरे विश्वविद्यालय से आगे की पढ़ाई करना चाहेंगे तो उसका भी अंक एकेडमिक बैंक में जुड़ जायेगा. सभी विद्यार्थियों की एक 12 डिजिट की यूनिक आइडी बनायी जायेगी. इसको लेकर विश्वविद्यालय की ओर से तैयारी शुरू कर दी गयी है. निदेशालय के निर्देश पर सभी विश्वविद्यालयाें में नैड सह एबीसी के सफल संचालन को लेकर नाेडल अधिकारी बनाये गये हैं. 25 अप्रैल काे पटना स्थित माैलाना मजहरूल हक यूनिवर्सिटी में नैड व एबीसी को प्रभावी बनाने के लिये राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है. इसमें सभी विश्वविद्यालयों के नोडल अधिकारी शामिल होंगे. बीआरएबीयू का नोडल अधिकारी डीएसडब्ल्यू डाॅ अभय कुमार सिंह को बनाया गया है. डीएसडब्ल्यू ने बताया कि विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं से जुड़ा पूरा डाटा ऑनलाइन होगा. इसके लिए अलग से सेल बनाया जायेगा. नैड के पाेर्टल पर छात्र-छात्राओं के नामांकन से लेकर रिजल्ट और डिग्री ऑनलाइन अपलोड की जायेगी. नौकरी के समय सत्यापन होगा आसान, प्रमाणपत्र से छेड़छाड़ संभव नहीं नैड व एबीसी के लागू होने के बाद विद्यार्थियों को कई प्रकार की सुविधायें मिलेंगी. एक ताे नौकरी के समय प्रमाणपत्र को विश्वविद्यालय भेजकर उसका सत्यापन करने की जरूरत नहीं होगी. दूसरी ओर प्रमाणपत्र से छेड़छाड़ संभव नहीं होगी. प्रमाणपत्र की एक प्रति नैड के पोर्टल पर भी अपडेट रहेगी. ऐसे में प्रमाणपत्र की मूल प्रति में किसी प्रकार का बदलाव करने की स्थिति में यह पकड़ में आ जायेगा. वहीं नौकरी के समय डिग्री या अन्य प्रमणपत्रों की मूल कॉपी लेकर जाने की जरूरत नहीं होगी. इसमें अपलोड प्रमाणपत्रों को विभाग ने मान्यता दे दी है.

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