– विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के आदेश पर संस्थानों में नये कानून के प्रति स्टूडेंट्स को किया जाएगा जागरूक, बदलावों से कराया जाएगा अवगत- ग्रुप डिस्कशन, सेमिनार, प्रश्नोत्तर काल, क्विज और अन्य गतिविधियों के माध्यम से नये कानून की दी जाएगी जानकारी मुजफ्फरपुर. बीआरएबीयू के विभिन्न कॉलेजों में सैद्धांतिक व वोकेशनल कोर्स में अध्ययनरत और इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को भी नये कानून का पाठ पढ़ाया जाएगा. इसको लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से पत्र भेजा गया है. कहा गया है कि एक जुलाई से राष्ट्र में नया कानून लागू हो रहा है. ऐसे में देश के तमाम वर्ग के लाेगों के बीच इसके बारे में जागरूकता होनी चाहिए. ब्रिटिशकालीन औपनिवेशिक कानून में भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का जिक्र था. लंबे समय बाद समीक्षा कर इसमें बड़े बदलाव किए गए हैं. ऐसे में अब भारतीय न्याय संहिता-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023 को लागू किया गया है. यह एक जुलाई से देशभर में प्रभावी हो जाएगा. ऐसे में उच्च और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों के बीच इसके बारे में जागरूकता जरूरी है. इसको लेकर संस्थानों में कार्यशाला, लेक्चर सीरीज, सेमिनार के माध्यम से पुराने कानून और नये कानून में किए गये बदलाव से विद्यार्थियों को अवगत कराना है. ग्रुप डिस्कशन, सेमिनार, प्रश्नोत्तर काल, क्विज और अन्य गतिविधियों के माध्यम से स्टूडेंट्स को नये कानून की जानकारी देनी है. साथ ही उनके माध्यम से समाज के लोगों को भी इन बदलावों से अवगत कराना है. कहा गया है कि एक जुलाई को संस्थानों में इन गतिविधियों का आयोजन कर नये कानून पर चर्चा कर सकते हैं. परिवर्तन का उद्देश्य न्याय के लक्ष्य को प्राप्त करना और व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करना है. आयोजन के बाद इससे संबंधित रिपोर्ट और तस्वीरें यूनिवर्सिटी एक्टिविटी माॅनिटरिंग पोर्टल पर भेजने को कहा गया है.
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