स्नातक व पीजी के स्टूडेंट्स अब अलग छात्रावासों में रहेंगे
स्नातक व पीजी के स्टूडेंट्स अब अलग छात्रावासों में रहेंगे
-मेधा के आधार पर छात्रावास में कमरे आवंटित होंगे-मुख्य द्वार पर सीसीटीवी कैमरा से आने वालों नजर
-कोर्स पूरा होते ही खाली करना होगा हाॅस्टल-ऑनलाइन हाेगी प्रक्रिया, हाॅस्टल मैनेजमेंट सिस्टम को किया अटैच
मुजफ्फरपुर.
बीआरएबीयू में अब पीजी व स्नातक के स्टूडेंट्स अलग-अलग छात्रावास में रहेंगे. रिसर्च स्कॉलर को अलग छात्रावास आवंटित किया जाएगा. छात्रावास में आने जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति की मॉनीटरिंग की जाएगी. इसके लिए प्रत्येक छात्रावास के मुख्य द्वार पर सीसीटीवी कैमरे लगेंगे. उसकी माॅनिटरिंग विश्वविद्यालय से की जाएगी. इस बारे में तैयार प्रस्ताव पर कुलपति प्रो.डीसी राय ने सहमति दे दी है. प्रस्ताव के अनुसार अब महिला और पुरुष दोनों छात्रावासों में स्नातक व वोकेशनल कोर्स के स्टूडेंट्स एक छात्रावास में रहेंगे. पीजी के स्टूडेंट्स को अलग और रिसर्च स्कॉलर्स को अलग छात्रावास आवंटित किया जाएगा. छात्रावास में प्रवेश की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. छात्रावास का आवंटन नामांकन के साथ ही ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से हाेगा. विद्यार्थियों की मेधा के अनुसार कमरों का आवंटन होता जाएगा. विवि ने हाॅस्टल के लिए तैयार पाेर्टल को अपग्रेड कर दिया है. कहा है कि छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों को अगली कक्षा में जाने के बाद रिन्युअल करवाना होगा. यह प्रक्रिया भी ऑनलाइन होगी. सत्र पूरा होने के साथ ही निर्धारित अवधि में छात्रावास खाली करना होगा. हाॅस्टल मैनेजमेंट सिस्टम को यूएमआइएस पोर्टल से जोड़ दिया गया है. डीएसडब्ल्यू प्राे.अभय कुमार सिंह ने बताया कि आवेदन की प्रक्रिया पूरी हाेने के बाद छात्रावास का कमरा आवंटित किया जाएगा. जैसे ही सत्र पूरा हो जाएगा. स्वत: छात्रों को कमरा छोड़ देना पड़ेगा. आवंटन समाप्त हो जाएगा. उन्होंने बताया कि छात्राओं के लिए छात्रावास से बाहर निकलने के लिए समयावधि का निर्धारण किया जाएगा. छात्रावास से छुट्टी लेकर बाहर निकलने की स्थिति में उन्हें अभिभावक से स्वीकृति लेकर उसकी प्रति प्रबंधन के पास जमा करनी होगी.लंबे समय से छात्रावासों की मरम्मत की मांग कर रहे हैं स्टूडेंट्स :पीजी पुरुष छात्रावासों के भवन की कई वर्षों से मरम्मत नहीं हुई है. इससे भवनों की स्थिति खराब है. छात्र डर के साये में रात गुजारने को विवश हैं. उनकी ओर से कई बार छात्रावास की मरम्मत को लेकर आवेदन दिया जा चुका है. विश्वविद्यालय की ओर से आश्वासन तो मिला पर अबतक मरम्मत नहीं हो सका. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि शीघ्र ही छात्रावासों के भवन की मरम्मत की जाएगी.