मुजफ्फरपुर शहर के कटही पुल स्थित सुग्गा मंदिर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा. बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने इसकी स्वीकृति दी है. सुग्गा मंदिर के जीर्णोद्धार सहित नया रूप देने के लिये एक मॉडल बनाया गया है. पिछले वर्ष यहां कीर्तन के लिये जगमोहन बनाया गया था. जहां भक्त भजन कीर्तन करते हैं. इसमें धार्मिक न्यास परिषद् ने भी आर्थिक सहयोग दिया. अब इस मंदिर को सुसज्जित करने की तैयारी चल रही है.
मंदिर का मॉडल आर्किटेक्ट इं.ब्रजेश्वर ठाकुर ने तैयार किया है. मंदिर के चारों तरफ 17 दुकानें बनायी जायेंगी. इसके अलावा सत्संग के लिये बड़ा और एक छोटा हॉल बनाया जायेगा. मंदिर का जीर्णोद्धार के साथ यहां सुग्गा का घोंसला भी बनाया जायेगा और उसके दाना-पानी का इंतजाम भी किया जायेगा, जिससे यहां पहले की तरह सैकड़ों सुग्गा का बसेरा हो सके.
इसकी तैयारी श्री राम जानकी सुग्गा न्यास समिति ने शुरू कर दी है. कटहीपुल के पास मंदिर की स्थापना 1935 में की गयी थी. समाजसेवी भाई लाल झा ने मंदिर के लिए जमीन उपलब्ध करायी थी. उस समय रेलवे लाइन का निर्माण चल रहा था. मंदिर की नींव लंगट सिंह ने डाली थी.
सैकड़ों सुग्गा के रहने से नाम पड़ा सुग्गा मंदिर
न्यास के कोषाध्यक्ष मधुमंगल ठाकुर बताते हैं कि यहां 1835 में एक छोटा मंदिर था. उस समय यहां लंगा बाबा नामक संत यहां रहते थे. उनको सुग्गा से ज्यादा लगाव था. परिसर में 500 से ज्यादा सुग्गा रहते थे. अभी भी 60 से अधिक सुग्गा मंदिर के ऊपर बने घोंसले में रहते हैं. मंदिर के जीर्णोद्धार के साथ यहां सुग्गा के रहने की भी व्यवस्था की जायेगी, जिससे प्राचीन काल की परंपरा बची रहे.
मधुमंगल ठाकुर ने कहा कि मंदिर में राम दरबार, हनुमान के साथ भगवान शिव की प्रतिमा है. धार्मिक न्यास बोर्ड के अधिग्रहण के बाद से मंदिर के जीर्णोद्धार में तेजी आयी है. जल्द ही इस मंदिर को भव्य बनाया जायेगा. हमलोग इसे उत्तर बिहार के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी कर रहे हैं. इस संबंध में समिति के पदेन अध्यक्ष एसडीओ अमित कुमार के नेतृत्व में यहां काम होना है.
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