मुजफ्फरपुर. गर्मी बढ़ने के साथ लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है. गर्मी जैसे-जैसे अपना प्रभाव दिखा रही है, वैसे-वैसे मानसिक रोगियों की परेशानी भी बढ़ जा रही है. मानसिक रोगियों को नींद नहीं आ रही है तो चिड़चिड़ापन बढ़ रहा है. छोटी-छोटी बात पर उग्र हो रहे हैं. यहां तक कि उन्हें भूख भी नहीं लग रही है. न तो काम में मन लग रहा है. सदर अस्पताल के मनोचिकित्सक के ओपीडी में 10 से 15 फीसदी नए मरीज आ रहे हैं. हर तीन माह में ओपीडी ढाई हजार तक रहती है. मनोचिकित्सक के पास रोजाना 35 से 40 मरीज आ रहे हैं. अबतक 10081 मरीज आए हैं. इस साल जनवरी से मई तक ही 2740 मरीज आ चुके हैं. चिकित्सकों के मुताबिक गर्मी के कारण रोगियों की मानसिक स्थिरता प्रभावित होती है. पहले ठीक हो चुके रोगियों पर भी असर पड़ रहा है. रोगी ज्यादा बात करने लगता है और चिड़चिड़ा हो जाता है. नींद नहीं आने के कारण किसी से बात करने का मन भी नहीं करता है. एंग्जायटी के बढ़ रहे हैं केस सदर अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर रवियांश कुमार का कहना है कि गर्मी के कारण ओपीडी में घबराहट वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है. गर्मी में ही इस तरह की बीमारियां सामने आती हैं. जिसे एंग्जाइटी कहा जाता है. अचानक हाथ कांपना, पसीना आना, घबराहट, मन में उलझन होना, बिना बात के रोना बेचैनी के लक्षण हैं. ये लक्षण हैं तो मनोचिकित्सक से सलाह लें मनोचिकित्सक का कहना है कि अगर घबराहट रहती है, डर लगता है, बेचैनी, शरीर में कंपन हो, दिल की धड़कन बढ़ी हो, तनाव महसूस कर रहे हों, सिर में दर्द, हाथ-पैर में पसीना आता है या फिर बार-बार ये मन में आता है कि कुछ बुरा होने वाला है तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें. जिन मरीजों की दवाई चल रही है वह लेते रहें. इसके अलावा लोग अपने मन की बात दूसरों के साथ साझा जरूर करें.
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