सजा मिली तो सुनीता को मिला सकून, बोली फांसी होनी चाहिए

सजा मिली तो सुनीता को मिला सकून, बोली फांसी होनी चाहिए

By Prabhat Khabar News Desk | June 20, 2024 1:51 AM

-आठ सितंबर 2022 से एसकेएमसीएच के आइसीयू में सुनीता है भर्ती मुजफ्फरपुर. एसकेएमसीएच के आइसीयू में जिंदगी और मौत से जूझ रही सुनीता के चेहरे पर बुधवार को खुशी देखी गयी. 21 माह बाद जब दोषियों को सजा मिली तो उसे सुकून आया.उसने कहा कि आरोपित को फांसी होनी चाहिए थी, उसने हमारी जिंदगी खराब कर दी. सुनीता ने कहा कि पिछले 21 माह से वह अपने बच्चे आर परिवार से दूर है. उसकी सांसें कब रुक जाये पता नहीं. वह आज भी दोषियाें को फांसी पर लटकते देखना चाहती हैं. पति अकलू राम ने कहा कि उसे न्यायालय के फैसले पर भरोसा है. जो भी इसमें शामिल है, उसे सजा मिलनी ही चाहिए. इन झोला छाप चिकित्सकों के कारण उसके हंसते खेलते परिवार को उजाड़ दिया हैं. सुनीता को अब भी किडनी डोनेट करने वाले की आस पति अकलू राम ने कहा कि पिछले 21 माह से सुनीता को किडनी डोनेट करने वाले की आस है. जब भी कोई किडनी डोनेट की बात कहते है तो सुनीता की आस जग जाती है कि अब उनकी जिंदगी बच जायेगी. मां तेतरी दवी ने कहा कि सबसे पहले 76 वषीय व्यक्ति ने किडनी देने की पहल की थी, उसके बाद सुनीता को लगने लगा कि अब उसकी जिंदगी वापस हो जायेगी. लेकिन जब डॉक्टरों की टीम ने किडनी मैच नहीं करने की बात कही तो सुनीता की आस टूट गयी. सुनीता की तबीयत बिगड़ी : एसकेएमसीएच के आइसीयू में भर्ती दोनों किडनी गंवा चुकी सुनीता की तबीयत बिगड़ती जा रही है. उसके पूरे शरीर में दर्द के साथ- साथ सांस लेने में भी दिक्कत है. उसे आंक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया हैं. वह काफी कमजोर हो गयी है. वह इतना कमजोर हो गयी है कि वह सही तरीके से चल भी नहीं पा रही है. सुनीता के पति अकलू राम ने बताया कि उसकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है. इधर, एसकेएमसीएच प्रशासन उसकी हालत पर नजर रख रही है. नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. धर्मेंद्र कुमार और औषधि विभाग के डॉ. अमित कुमार उसका इलाज कर रहे हैं. एसकेएमसीएच के अधीक्षक डाक्टर कुमारी विभा ने बताया कि सुनिता का इलाज एक दम बढ़िया तरीका से हो रहा है. चार सितंबर को किया था ऑपरेशन : बरियारपुर के एक निजी नर्सिंग होम में गर्भाशय के ऑपरेशन के बाद सुनीता देवी को आठ सितंबर 2022 को एसकेएमसीएच में भर्ती किया गया था. चार सितंबर को उसका ऑपरेशन के दौरान किडनी निकाल लिया गया था. ऑपरेशन के बाद सुनीता की स्थिति बिगड़ने लगी तो संचालक ने पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. वहां भी ठीक नहीं होने पर महिला को पीएमसीएच फिर एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया.

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