मोबाइल जांच गाड़ियों की होगी अब ऑनलाइन मॉनीटरिंग
राज्य कर विभाग ने जांच वाली गाड़ियों पर लगाया कैमरा
उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर जीएसटी लाइसेंस में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम अनिवार्य किए जाने के बाद अब राज्य कर विभाग ने मोबाइल गाड़ियों में जीपीएस और कैमरा लगाया है. राज्य कर अधिकारी जब जांच के लिए इन गाड़ियों से निकलेंगे तो जीपीएस के माध्यम से यह ट्रैक होगा कि ड्यूटी के दौरान गाड़ी कहां-कहां गयी है. कितने घंटे तक गाड़ियां फिल्ड में रही है. उस दौरान उपलब्धि क्या रही. इसके अलावा गाड़ी में लगे कैमरा से बिना इ-वे बिल के जब्त किए गए वाहनों का फोटो भी मुख्यालय को चला जायेगा, जिसमें गाड़ियों का नंबर प्लेट भी होगा. वाहनों का चालान करते समय ही मुख्यालय को उसका पूरा डिटेल्स अधिकारियों को भेज देना है. इसके बाद चालान काट कर गाड़ी को जब्त करना है. इस नयी व्यवस्था से अधिकारियों की ड्यूटी बढ़ गयी है. उन्हें रोज गाड़ियों की जांच करनी पड़ रही है. जानकारी हो कि जिले में तीन मोबाइल टीम गठित है, जो रोज एनएच पर गाड़ियों की जांच करती है और बिना इ-वे बिल वाली गाड़ियों का चालान कर उसे संबंधित थाने में रखा जाता है. राज्य कर विभाग की आरे से टैक्स और पेनाल्टी चुकाने के बाद गाड़ियों को छोड़ा जाता है.
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