Loading election data...

टीडीसी पास छात्र भी कर सकेंगे चौथे वर्ष की पढ़ाई, मिलेगी ऑनर्स और रिसर्च डिग्री

टीडीसी पास छात्र को भी अब ऑनर्स और रिसर्च डिग्री मिलेगी. इसके लिए पीजी सेंटर वाले कॉलेजों में कराना होगा छात्रों का सीबीसीएस के तहत पंजीकरण. इस संबंध में यूजीसी ने जारी किया है दिशा-निर्देश, साथ ही विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने को भी कहा है.

By Anand Shekhar | March 12, 2024 8:15 AM

धनंजय पांडेय, मुजफ्फरपुर. तीन वर्षीय स्नातक यानि टीडीसी पास करने वाले विद्यार्थियों को भी नयी शिक्षा नीति के तहत लागू चार वर्षीय स्नातक कोर्स के चौथे साल की पढ़ाई करने का मौका मिलेगा. ग्रेजुएशन के बाद सालभर में दो सेमेस्टर की पढ़ाई करने पर उन्हें ऑनर्स और रिसर्च की डिग्री मिलेगी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने थर्ड इयर के सभी अंडर ग्रेजुएट (यूजी) छात्रों को ऑनर्स या रिसर्च डिग्री हासिल करने के लिए चौथे साल पढ़ाई करने की अनुमति दे दी है. ये विद्यार्थी अब चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत पंजीकृत हो सकेंगे.

टीडीसी पास छात्रों को पीजी सेंटर वाले कॉलेजों में कराना होगा पंजीकरण

यूजीसी की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक इन विद्यार्थियों को चौथे वर्ष की पढ़ाई करने के लिए एक कॉलेज चुनना होगा जहां पोस्ट ग्रेजुएट सेंटर हो. यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को तीन वर्षीय डिग्री कोर्स के छात्रों को अपनी पढ़ाई चौथे वर्ष में भी जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा है.

BRABU सहित राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में लागू है चार वर्षीय कोर्स

सत्र 2023-24 से बीआरए बिहार विश्वविद्यालय सहित राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में चार वर्षीय स्नातक कोर्स सीबीसीएस के साथ लागू किया गया है. यूजीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार सहित देशभर के दो सौ से अधिक विश्वविद्यालयों ने यूजी के नये पाठ्यक्रम को लागू कर दिया है. ऐसे में मौजूदा पुराने सत्र के छात्रों को चार साल के यूजी कोर्स का लाभ दिलाने के लिए यह पहल की गयी है. बिहार विश्वविद्यालय में इस पहल से दो सत्र के डेढ़ लाख से अधिक विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा. इस साल स्नातक सत्र 2021-24 का फाइनल रिजल्ट आयेगा, जबकि अगले साल सत्र 2022-25 के विद्यार्थी तीन साल का कोर्स पूरा करेंगे.

गैप कवर करने के लिए विवि स्तर पर बनेगा ब्रिज कोर्स

स्नातक के सिलेबस में भी बदलाव किया गया है. सेमेस्टर सिस्टम के साथ ही नयी शिक्षा नीति के प्रावधानों को प्रमुखता दी गयी है. पुराने कोर्स से हटकर इसमें विद्यार्थियों को स्किल्ड बनाने पर भी फोकस किया गया है. ऐसे में तीन साल की पढ़ाई पुराने पैटर्न पर करने के बाद चौथे साल में नये पैटर्न के साथ पढ़ने में कठिनाई न हो, इसका भी ध्यान रखा गया है. यूजीसी की ओर से कहा गया है कि गैप कवर करने के लिए एक ब्रिज कोर्स तैयार करना होगा. यह ब्रिज कोर्स संबंधित विश्वविद्यालय की ओर से ही तैयार किया जायेगा.

Next Article

Exit mobile version