– मुजफ्फरपुर आयोजना क्षेत्र में शामिल गांव को शहर से जोड़ते हुए मेट्रो रूट तैयार करने पर विचार
– राइट्स की टीम बना रही रणनीतिमुजफ्फरपुर.
मुजफ्फरपुर मेट्रो प्रोजेक्ट के काम को धरातल पर शुरू करने से पहले कागजी कार्रवाई शुरू हो गयी है. सरकार की तरफ से रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (राइट्स) को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गयी है. राइट्स की टीम पब्लिक के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मीटिंग कर मेट्रो रूट को लेकर कार्य योजना तैयार कर रही है. नगर आयुक्त नवीन कुमार ने बताया कि राइट्स टीम के साथ मीटिंग हुई है. कागजी कार्रवाई के लिए कई बिंदुओं पर जो जानकारी चाहिए थी. वह उपलब्ध करा दी गयी है. आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए सिटी मैनेजर को निर्देशित किया गया है. बताया कि प्रारंभिक तौर पर राइट्स की टीम मुजफ्फरपुर के इकोनॉमी को लेकर सर्वे कर रही है. मेट्रो का रूट कहां से कहां तक निर्धारित किया जाए, जिससे अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिले. इन सभी बिंदुओं पर रिसर्च चल रहा है. नगर आयुक्त ने बताया कि राइट्स टीम के साथ जो मीटिंग हुई है. इसके अनुसार, शहर के चारों तरफ से जो फोरलेन व एनएच गुजरता है, उसे मेट्रो से जोड़ा जायेगा. एसकेएमसीएच से लेकर मधौल बाईपास व पताही से लेकर भगवानपुर, माड़ीपुर होते हुए मिठनपुरा, बेला व मुशहरी तक मेट्रो की सेवा हो सकती है. इसके अलावा शहर में रेलवे स्टेशन, कलेक्ट्रेट, कोर्ट, बस स्टैंड, यूनिवर्सिटी आदि को जोड़ते हुए रूट का निर्धारण होगा.मेट्रो शुरू होने में लग सकता है एक दशक का समय
मेट्रो का रूट प्रस्तावित ग्रेटर मुजफ्फरपुर के अनुरूप होगा. इसके अनुसार मेट्रो लाइन और अन्य सिस्टम तैयार करने में कम से कम पांच साल का समय लगता है. यह समय तब लगेगा, जब जमीन अधिग्रहण नहीं करना पड़े. जमीन अधिग्रहण की नौबत आई तो 10 साल का भी समय लग सकता है. पटना मेट्रो का बजट तकरीबन 800 करोड़ का है. इसी के आसपास यहां का भी बजट होगा. सबसे बड़ी बात है कि मेट्रो का रूट निर्धारण करने में यह देखा जाता है कि इस पर जो लागत आ रही है, उस हिसाब से आमदनी भी होनी चाहिए. यह तय है कि ग्रेटर मुजफ्फरपुर के हिसाब से मेट्रो रूट का निर्धारण होगा. तब लागत राशि के अनुसार आमदनी होगी.
मुजफ्फरपुर मेट्रो से होंगे काफी फायदे
शहर में बढ़ रहे ट्रैफिक के दबाव को कम करने में मेट्रो रेल काफी फायदेमंद साबित होगा. वर्तमान सिचुएशन के अनुसार, आने वाले 10 सालों में ट्रैफिक लोड और बढ़ेगा. इसके हिसाब से यहां मेट्रो की आवश्यकता है. मेट्रो की सुविधा शुरू होने से गाड़ियों का भी दबाव कम होगा. प्रदूषण से भी राहत मिलेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है