मुजफ्फरपुर. जिले में आवारा कुत्ते हर दिन 20-25 लोगों को निशाना बना रहे हैं. इस अनुपात में हर सप्ताह 120 से अधिक लोगों को कुत्ते काट रहे हैं. यह खुलासा स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में हुआ है. एक जून से छह जून तक 120 लोगों को कुत्तों ने काटा है. यह तो वह आंकडे़ हैं जो सदर अस्पताल या स्वास्थ्य विभाग की सीएचसी-पीएचसी व अर्बन हेल्थ सेंटर पर इलाज कराने के लिए पहुंचे थे. ऐसे लोग भी काफी संख्या में हैं जो कुत्ते काटे जाने के बावजूद एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए नहीं आते हैं. इन लोगों के आंकड़ों को भी इसमें शामिल कर लिया जाए तो आंकड़े और भयावह हो सकते हैं. स्वास्थ्य विभाग के फार्मासिस्ट ने बताया कि हर दिन 20-25 नये मरीज कुत्ते काटने के आ रहे हैं. इसे लेकर हर माह एंटी रेबीज वैक्सीन के लिए दो हजार वॉयल की डिमांड की जाती है, लेकिन मिलती है सिर्फ 950 वॉयल ही है. अब काफी संकट हो रहा है. स्वास्थ्य विभाग सदर अस्पताल व एसकेएमसीएच में एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाता है, जबकि सीएचसी-पीएचसी, अर्बन हेल्थ सेंटर में वैक्सीन के अभाव में यह नहीं लगायी जाती है. नगर निगम खड़े कर चुका है हाथ नगर निगम कुत्तों को पकड़ने के लिए हाथ खड़े कर चुका है, दूसरी तरफ, सदर अस्पताल व एसकेएमसीएच में एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए मारा-मारी रहती है. सदर अस्पताल में तो मरीजों को कई बार कुत्ते का पीछा करने की सलाह तक दे दी जाती है, उनसे कहा जाता है कि कुत्ता अगर मरता नहीं तो घबराने की जरूरत नहीं है. यह है रेबीज कुत्ता, बंदर, लंगूर आदि के काटने से जो लार व्यक्ति के खून में मिल जाती है, उससे रेबीज की बीमारी होने का खतरा बना रहता है. रेबीज रोग मानसिक संतुलन बिगाड़ता है. यह रोग 19 साल तक मरीज को अपनी गिरफ्त में ले सकता है.
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