मुजफ्फरपुर के औद्योगिक क्षेत्र बेला में बैग क्लस्टर की तरह ही टेक्सटाइल क्लस्टर भी तेजी से उभरने लगा है. बियाडा पटना की ओर से यहां टेक्सटाइल को लेकर चल रही प्रत्येक गतिविधि और प्रगति पर नजर रखी जा रही है. बियाडा की ओर से मुजफ्फरपुर औद्योगिक क्षेत्र को लेकर एक आंकड़ा जारी किया गया है. जिसके तहत बीते एक वर्षों में टेक्सटाइल के क्षेत्र में इच्छुक निवेशकों को 6.5 लाख वर्ग फुट जगह आवंटित किया गया है.
नयी युनिट को शुरू करने के लिए प्लग एंड प्ले के तहत यह जगह दी गयी है. इससे पहले टेक्सटाइल को लेकर बियाडा क्षेत्र में इक्का-दुक्का यूनिट थी. जानकारी के अनुसार एक दर्जन के करीब बड़ी कंपनी यहां संचालित हो रही है. बियाडा की ओर से इसे प्रमोट भी किया जा रहा है. बाहरी निवेशकों को आमंत्रित करते हुए बताया गया है, कि मुजफ्फरपुर में टेक्सटाइल को लेकर अपार संभावनाएं है.
अब तक 32 एकड़ से अधिक में शेड ले चुका है आकार
बियाडा औद्योगिक क्षेत्र में प्लग एंड प्ले योजना के तहत जगह की डिमांड हाल के दिनों में तेजी से बढ़ी है. मुख्यमंत्री उद्यमी योजना को मिला कर बेला स्थिति औद्योगिक क्षेत्र में 19 शेड का निर्माण पूरा हो चुका है. आने वाले दिनों में 2 और शेड का निर्माण होगा. जिसको लेकर बियाडा की ओर से टेंडर जारी किया गया है. बियाडा के आंकड़ों के अनुसार करीब 32 एकड़ में उद्योग के लिये शेड की व्यवस्था फैल चुकी है. इसमें लगभग शेड में बैग और गारमेंट से जुड़ी यूनिट संचालित है. जहां उत्पादन हो रहा है.
बैग क्लस्टर ने देश-विदेश के निवेशकों का खींचा ध्यान
करीब दो वर्ष पहले बेला स्थित औद्योगिक क्षेत्र में 150 मशीनों से बैग क्लस्टर की शुरुआत हुई थी. जीविका दीदियों ने इस कार्य को शुरू किया था. धीरे-धीरे मशीनों की संख्या बढ़ने के साथ रोजगार पाने वालों की संख्या बढ़ने लगी. फिलहाल बैग व टेक्सटाइल को मिला कर 3 हजार के करीब मशीनें चल रही है.
अलग-अलग यूनिटों में चार हजार से अधिक लोग रोजगार से जुड़े. जिसके बाद बैग क्लस्टर ने देश के साथ विदेश के निवेशकों का भी ध्यान खींचा. उद्योग विभाग की ओर से बीते वर्ष पटना में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया. जिसमें से एक साथ देश और विदेश को मिला कर 60 के करीब बड़े निवेशकों ने बेला स्थित बैग क्लस्टर का जायजा लिया. जिसका असर भी देखने को मिला.
आसपास के इलाके में छोटे रोजगार को मिला बढ़ावा
बेला औद्योगिक क्षेत्र में हाल के दिनों में यूनिटों की संख्या और चहल -पहल बढ़ने से आसपास के इलाकों में भी छोटे रोजगार को बढ़ावा मिला है. चाय-नाश्ता की दुकान और दैनिक उपयोग में आने वाले सामानों की दुकानों की संख्या बढ़ गयी है. जहां पहले नारायणपुर अनंत से दिघरा रोड में पहले सन्नाटा की स्थिति रहती थी, वहां दुकानों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है.
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