वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर जिले में चिकन पॉक्स (माता) के मरीज मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम कैंप कर आसपास के लोगों की जांच करेगी. हालांकि अभी तक जिले में एक भी चिकन पॉक्स के मरीज नहीं मिले हैं. सिविल सर्जन ने सभी पीएचसी प्रभारियों को निर्देश दिया है कि उनके प्रखंड में अगर चिकन पॉक्स के मरीज मिलते हैं तो उसकी जानकारी जिला प्रतिरक्षण अधिकारी को दें. सूचना मिलते ही जिला प्रतिरक्षण कार्यालय से टीम संबंधित बीमार मरीज के घर पहुंच जांच करेगी. टीम उनके आसपास अन्य लोगों को तो चिकन पॉक्स नहीं हुआ है. इसकी भी जांच करेगी. इसके साथ ही सभी पीएचसी प्रभारियों को ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज कराने के निर्देश दिए हैं. डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के मरीजों का सर्वे किया जा रहा है. मलेरिया की जांच ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में की जा रही है. डेंगू के लिए सर्वे किया जा रहा है. फिलहाल यहां भी स्थिति नियंत्रण में है. विशेषज्ञों की मानें तो वैरिसेला-जोस्टर वायरस होता है, लेकिन यह एक संक्रामक रोग है, जो संक्रमण से फैलता है. एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने, छींकने हाथ मिलाने, थूकने, फोड़े-फुंसी से निकले, कपड़े इत्यादि के संपर्क में आने से फैलता है.
दाने के साथ चक्कर आना
तेज दिल की धड़कन, सांस की तकलीफझटके, दौरे पड़ना, मांसपेशियों के समन्वय की कमी
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