10 करोड़ के चावल के गोलमाल में एसएफसी के पूर्व जिला प्रबंधक पर विभाग ने करायी प्राथमिकी
10 करोड़ के चावल के गोलमाल में एसएफसी के पूर्व जिला प्रबंधक पर विभाग ने करायी प्राथमिकी
मुजफ्फरपुर: मिलरों से धान के बदले चावल लेने में हुए गोलमाल का पुलिंदा खुलने लगा है. पश्चिम बंगाल के दो मीलर के साथ हुए एकरारनामा में नियमों की अनदेखी मामले में एसएफसी के तत्कालीन पूर्व प्रबंधक पर सात साल बाद गाज गिरी है. तत्कालीन प्रभारी जिला प्रबंधक त्रिलोकी नाथ सिंह को एकरारनामा करने और तय सीमा के अंदर 10 करोड़ से अधिक राशि का चावल जमा नहीं करने के मामले में दोषी पाया गया है. एसएफसी के जिला प्रबंधक प्रवीण कुमार दीपक ने काजीमोहम्मदपुर थाना में त्रिलोकी प्रसाद सिंह पर प्राथमिकी दर्ज करायी है.
दरअसल यह मामला खरीफ विपनण 2012-13 का है. इसमें पैक्स से खरीद हुई धान को एसएफसी में मिलरों को चावल बनाने के लिए आवंटित किया था. इसमें जिला प्रबंधक के पद पर रहते हुए पश्चिम बंगाल के मिलरों से बिना भौतिक सत्यापन और स्थल जांच किये अवैधानिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से धान को जिला से बाहर मिलिंग को लेकर भेजे जाने को लेकर एकरारनामा किया था.
बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के ही दूसरे राज्यों के कई मिलरों को चावल दिया गया था. तत्कालीन जिला प्रबंधक पर आरोप है कि पश्चिम बंगाल के मिलर के साथ हुए एकरारनामा में नियम कानून को ताक पर रखा गया. दो मिलर को लाभ पहुंचाने के लिए बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र के ही 49861.78 क्विंटल धान दिया गया. इसका मूल्य 2165 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 10 करोड़ 79 लाख 78 हजार 693 रुपये 62 पैसा हुआ. जिसे तत्कालीन जिला प्रबंधक ने विभाग में जमा नहीं कराया. यही नहीं इन पर जानबूझ कर तथ्य छुपाने का आरोप भी लगा है. जिला प्रबंधक ने बताया कि तत्कालीन प्रबंधक ने दोनों मिलरों के साथ संलिप्त होकर एसएफसी को उक्त राशि की क्षति पहुंचायी है.
सेवा से हो चुके हैं बर्खास्त
बताया जाता है कि तत्कालीन जिला प्रबंधक त्रिलोकी प्रसाद सिंह सेवा से बर्खास्त हो चुके हैं. विभाग के निर्देश पर उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इससे पूर्व काजीमोहम्मदपुर थाना में उक्त दोनों मिलरों पर भी प्राथमिकी दर्ज है. इनके विरुद्ध सर्टिफिकेट केस दर्ज है.