छठ पर चार दिनों तक भक्तिमय रहा शहर का माहौलशुक्रवार सुबह उदयकालीन सूर्य को व्रतियों ने दिया अर्घ
मुजफ्फरपुर.
भगवान भास्कर के अर्घ के साथ शुक्रवार को चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हुआ. इससे पहले गुरुवार की शाम डूबते सूर्य को अर्घ दिया गया. व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व्रत रख कर पूजा की और छठी मइया से परिवार की सुख-समृद्धि और सेहतमंद होने की कामना की. छठ को लेकर दिवाली के बाद से ही शहर का माहौल भक्तिमय हो गया था. इस बार छठ के बाजार ने पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिये. छठ से जुड़ी हर सामग्री की जमकर बिक्री हुई. छठ को लेकर घरों में पूरी शुद्धता के साथ ठेकुआ बनाया गया. व्रतियों ने आश्रम घाट, लकड़ीघाट, सीढ़ीघाट व अखाड़ाघाट पर जाकर छठी मइया को अर्घ दिया. नगर निगम की ओर से सभी घाटों को दुरुस्त किया गया. लाइट व साउंड की बेहतर व्यवस्था थी. कई परिवारों ने शाम की अर्घ के बाद से दउरा घाट पर ही रहने दिया. रात भर व्रती का परिवार अर्घ के पास दीया और अगरबत्ती जलाता रहा. पूरी निष्ठा से लोग जमा रहे और श्रद्धापूर्वक पूरी पवित्रता से पूजा की व्यवस्था की. व्रतियों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसका ख्याल सभी रख रहे थे. कई घाटों पर मुहल्ले के लोग एक साथ टैंपो पर दउरा लेकर पहुंचे.जगमग रहा पोखर, हजारों व्रतियों ने दिया अर्घ
छठ को लेकर शहर के पोखरों को भी तैयार किया गया था. पोखर पर रंग-बिरंगी लाइट की व्यवस्था की गयी थी. ये पोखर छठ के अर्घ के साथ लोगों के घूमने की भी जगह बना. पटना के महावीर मंदिर न्यास की ओर से की गयी सजावट से साहू पोखर की सुंदरता देखते ही बन रही थी. यहां करीब दो हजार व्रतियों ने अर्घ दिया. इसी तरह पड़ाव पोखर पर भी अर्घ को लेकर बेहतर व्यवस्था की गयी थी. आमगोला पुल से उतरने के साथ ही पोखर तक की सजावट लोगों का मन मोह रही थी. शाम के अर्घ के बाद भी यहां इतनी भीड़ थी कि पैदल चलना मुश्किल था. पोखर की सजावट देखने लोग दूर-दूर से पहुंच रहे थे. इसी तरह श्याम सिनेमा के पीछे वाले पोखर, तिनपोखरिया, रामदयालु पोखर व ब्रह्मपुरा पोखर पर भी सजावट की गयी थी. इन पोखरों पर भी काफी व्रतियों ने अर्घ दिया.कृत्रिम घाट बना कर व्रतियों ने की पूजा
शहर के कई घरों में कृत्रिम घाट बना कर व्रतियों ने अर्घ दिया. इसके अलावा नगर निगम की ओर से डीएन हाई स्कूल में कृत्रिम पोखर बनाया गया था. यहां की सजावट भी लोगों को आकर्षित कर रही थी. यहां पर व्रतियों ने सामूहिक रूप से अर्घ दिया. इसके अलावा लोगों ने अपने घर के अहाते व छत पर कृत्रिम पोखर बना कर छठी मइया को अर्घ दिया. इन कृत्रिम घाटों पर बज रहे छठ गीत से पूरा माहौल भक्तिमय था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है