रामेश्वर महाविद्यालय की स्थापना से जगी शिक्षा की अलख
रामेश्वर महाविद्यालय की स्थापना से जगी शिक्षा की अलख
मुजफ्फरपुर. रामेश्वर महाविद्यालय में रामेश्वर पुण्य स्मृति दिवस समारोह का आयोजन किया गया. कॉलेज परिसर में रामेश्वर बाबू की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई. मुख्य अतिथि को एनसीसी कैडेट्स ने गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया. मुख्य अतिथि बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा के पूर्व कुलपति प्रो.रिपुसूदन श्रीवास्तव व प्राचार्य प्रो.ब्रह्मचारी व्यास नंदन शास्त्री ने परिसर में पौधे लगाए. प्रो.रिपुसूदन ने कहा कि रामेश्वर बाबू एक शिक्षाविद् व महान स्वतंत्रता सेनानी थे. उनके परिवार का शिक्षा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है. शिक्षा के स्तर को कैसे बढ़ाया जाए, इस विषय पर सभी को विचार करना होगा. 30-40 साल पहले जिस तरह की शिक्षा महाविद्यालयों में मिलती थी. उसमें निश्चित ही ह्रास हुआ है. यह शहर शिक्षा का केन्द्र हुआ करता था और बाहर से लोग अपने बच्चों को यहां पढ़ाने भेजा करते थे. रामेश्वर महाविद्यालय की स्थापना से यहां शिक्षा का अलख जगा. प्राचार्य प्रो. ब्रह्मचारी व्यास नन्दन शास्त्री ने कहा इस कॉलेज के छात्र आज बड़े पदों पर कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि अधिकांश विषयों में पीजी की पढ़ाई शुरू कराने को लेकर प्रक्रिया चल रही है. इसके लिए विवि को प्रस्ताव भेजा गया है. विशिष्ट अतिथि साहित्यकार डॉ संजय पंकज ने कहा कि आज हम जब 60 वर्ष पीछे देखते हैं तो पता चलता है कि हमारे पूर्वजों ने जो किया उससे हमारी पीढ़ियां शिक्षित हुईं. उन्होंने अपनी कविताओं से माहौल बना दिया. पूर्व प्राचार्य प्रो. नरेंद्र नारायण सिंह व शायर प्रो.शिवगतुल्लाह हमीदी ने रामेश्वर बाबू के व्यक्तित्व का बखान किया. एलएनटी कॉलेज के प्राचार्य डॉ विजयेंद्र झा, संस्कृत के पूर्व अध्यक्ष प्रो.महेश्वर प्रसाद सिंह, एमएसकेबी के प्राचार्य लोकमान्य रविंद्र प्रताप, समाजसेवी राजेंद्र पटेल, पीजी संस्कृत विभाग के आचार्य डॉ श्याम बाबू शर्मा ने भी विचार रखे. कार्यक्रम का संचालन डॉ शारदा नन्द सहनी व धन्यवाद ज्ञापन प्रो.रजनी रंजन ने किया. मौके पर डॉ उपेंद्र गामी, डॉ बादल, डॉ रणवीर, डॉ उपेन्द्र प्रसाद, डॉ राजबली राज, डॉ रणवीर, डाॅ महजबीन परवीन, डॉ वसीम रेजा, डॉ चिन्मय प्रकाश, डॉ अविनाश, डॉ मीरा, डॉ पीएन शर्मा, डॉ अविनाश झा, डॉ मयंक मौसम, डॉ राकेश सिंह सहित छात्र-छात्राएं व कर्मचारी मौजूद रहे.
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