मुजफ्फरपुर. मंजू देवी नाम की महिला की मृत्यु कोरोना संक्रमण के कारण इलाज के दौरान 16 अप्रैल को हुई. लेकिन मरने वाली मंजू देवी के नाम के आगे संक्रमण मुुक्त मंजू देवी का पता व मोबाइल नंबर अंकित हो गया. इसके बाद इसे पोर्टल पर अपलोड कर दी गई. कोविड 19 के पोर्टल पर संक्रमित का नाम मृतक की सूची में डालने का मामला सामने आने के बाद बुधवार को सिविल सर्जन डॉ विनय कुमार शर्मा ने एसकेएमसीएच प्रबंधन से इस संबंध में जब जानकारी ली तो यह बाते सामने आयी.
वाल्मीकि कॉलनी झिटकहियां की मंजू देवी का नाम कोरोना के मृतक की सूची में डाल दिया गया. आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से मृतक सूची की पड़ताल शुरू हुई. इसी कड़ी में मंजू देवी के पास मोबाइल से मुशहरी सीओ ने पूछताछ किया. मंजू देवी के परिजन ने जानकारी दी कि वह कोरोना से संक्रमित हुई. एसकेएमसीएच में भर्ती नहीं हुई. घर पर इलाज कराने के बाद क्योर हो गई. इसकी लिखित जानकारी भी उसने सीओ मुशहरी को उपलब्ध करा दिया.
इसकी जानकारी होने के बाद सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने अपने स्तर से छानबीन किया. उन्होंने एसकेएमसीएच प्रबंधन से संपर्क किया. एसकेएमसीएच के प्रबंधक संजय कुमार साह ने जानकारी दिया कि संक्रमण मुुक्त मंजू देवी का पता व मोबाइल नंबर चढ़ गया. यह पोर्टल पर लोड करने के समय मानवीय भूल है. कोरोना के मृतक सूची में बरूराज वाली मंजू देवी का नाम व मोबाइल नंबर है. मोबाइल नंबर की गलत इंट्री होने के कारण उनके पास कॉल चला गया. उसको तत्काल पोर्टल पर सुधार करा दिया गया है.
मृतक का पड़ताल के बाद ही मृतक के परिजन को राशि दी जाती
कोरोना से मृतक को चार लाख की राशि देने का प्रावधान है. इसके लिए आपदा विभाग को हर स्तर पर मृतक का पड़ताल करने के बाद ही मृतक के परिजन को राशि का भुगतान हो. सिविल सर्जन डा.विनय शंकर शर्मा ने बताया कि इसके लिए वह आपदा प्रबंधक विभाग को पत्र दिए है. यहां भी कंट्रोल रूम में व्यवस्था है कि जितने लोगों का पोर्टल पर नाम है उसकी अपने स्तर से छानबीन कर ले. जानकारी के अनुसार 2020 में 146 की मौत हुई. वहीं 2021 में 844 लोगों की मृत्यु हुई है. इसमें एसकेएमसीएच में 157 व सदर अस्पताल व अन्य निजी अस्पताल में 687 की मौत हुई है.