तकनीक की बढ़ती भूमिका व सोशल मीडिया ने शिक्षण कार्य को बनाया अधिक चुनौतीपूर्ण : प्रो गिरीश
तकनीक की बढ़ती भूमिका व सोशल मीडिया ने शिक्षण कार्य को बनाया अधिक चुनौतीपूर्ण : प्रो गिरीश
-विवि के यूजीसी-एमएमटीटीसी का 95वां फैकल्टी इंडक्शन कार्यक्रम
-विवि सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो गिरीश कुमार ने दिया व्याख्यानमुजफ्फरपुर.
बीआरएबीयू के यूजीसी-एमएमटीटीसी की ओर से मंगलवार को 95वां फैक्लटी इंडक्शन कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ. इस मौके पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो.गिरीश कुमार चौधरी व विशिष्ट अतिथि बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के सदस्य प्रो.अनिल कुमार सिन्हा सम्मिलित हुए. समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.दिनेश चन्द्र राय ने की. विशिष्ट अतिथि प्रो.अनिल कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.दिनेश चन्द्र राय के आने से विश्वविद्यालय में शिक्षण और शोध दोनों ही दृष्टियों से अप्रत्याशित बदलाव आया है. कहा कि बीयू व यहां के एमएमटीटीसी का भी अपना गौरवपूर्ण इतिहास है. इस विवि के शोध के वातावरण को सुंदर बनाने में इस सेंटर की बहुत बड़ी भूमिका हो सकती है. मुख्य अतिथि प्रो.गिरीश कुमार चौधरी ने कहा कि तकनीक की बढ़ती हुई भूमिका और सोशल मीडिया ने शिक्षण कार्य को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया है. ऐसे में शिक्षकों का दायित्व पहले से ज्यादा बढ़ गया है. पहले शिक्षक नोट्स बनाते थे और उसके सहयोग से पढ़ाते थे, बाद में छायाप्रति के सहारे विद्यार्थी अपना काम चला लेते थे, लेकिन आज के समय में विद्यार्थियों के पास देश-दुनिया के सभी विद्वानों के वीडियो लेक्चर्स उपलब्ध हैं. ऐसे में, यदि हम शिक्षक अपनी शिक्षण प्रविधि में कुछ मौलिक विषयों को नहीं जोड़ेंगे या कुछ नवाचार नहीं करेंगे तो धीरे-धीरे अप्रासंगिक हो जायेंगे. कुलपति प्रो दिनेश चन्द्र राय ने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षण व शोध में गुणवत्ता को लेकर प्रतिबद्ध है. अच्छे शोध-कार्यो के लिए विश्वविद्यालय स्वयं तो सहयोग करेगा ही आवश्यकता पड़ने पर फंडिंग एजेंसियों से सहयोग प्राप्त करने में भी मदद करेगा. निकट भविष्य में अपना विश्वविद्यालय अपनी अकादमिक उपलब्धियों के लिए जाना जाए, इसके लिए हर तरह का प्रयास किया जा रहा है. स्वागत भाषण करते हुए यूजीसी-एमएमटीटीसी के निदेशक प्रो.राजीव झा ने कहा कि 100 से अधिक प्रतिभागियों में से चयनित करके कई विश्वविद्यालयों से मात्र 50 प्रतिभागियों को प्रतिभागिता करने का अवसर प्रदान किया है. धन्यवाद ज्ञापन करते हुए यूजीसी-एमएमटीटीसी के उपनिदेशक डाॅ राजेश्वर ने कहा हम सभी प्रतिभागियों के प्रति आभारी हैं कि उन्होंने अन्य विकल्पों को छोड़कर हमारे एमएमटीटीसी को एफआइपी के लिए चुना. बताया कि अगले महीने के वैशाली परिभ्रमण की योजना है. उद्घाटन सत्र का संचालन कोर्स काॅडिनेटर डाॅ जितेशपति त्रिपाठी ने किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है