उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर जन्माष्टमी का त्योहार 26 को मनाया जायेगा. मंदिरों के अलावा घर-घर में लड्डू गोपाल के जन्मोत्सव मनाने की तैयारी हो रही है. शहर के बाजार सज चुके हैं और लोग लड्डू गोपाल के अलावा झूले, पगड़ी, मोर पंख, आसनी, भगवान का पोशाक, बांसुरी, माला सहित अन्य सामग्री की खरीदारी कर रहे हैं. शहर के बाजार में इन चीजों की खरीदारी के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. सरैयागंज, गरीबनाथ मंदिर रोड और मोतीझील के पूजन सामग्री और सजावट की दुकानों में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति से लेकर सजावट की सामग्री की जमकर खरीदारी हो रही है. पूजा घर की सजावट के साथ भगवान को स्थापित करने के लिए लोग विभिन्न डिजायन और वजन की पीतल की मूर्तियां और मेटल या लकड़ी के झूले पसंद कर रहे हैं. भगवान का कड़ा, कुंडल सहित अन्य चीजें लोगों को लुभा रही है. शहर में जन्माष्टमी के बाजार पर पढ़िए रिपोर्ट – राधा और श्रीकृष्ण के ड्रेस की डिमांड जन्माष्टमी पर रेडिमेड और सजावट सामग्री की दुकानों से राधा-कृष्ण की ड्रेस की डिमांड अधिक है. छोटे बच्चों से लेकर आठ साल तक के बच्चों की ड्रेस खूब बिक रही है. 120 रुपये से एक हजार तक के ड्रेस की डिमांड बढ़ी हुई है. स्कूलों में हो रहे फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले बच्चे इन परिधानों की खरीदारी कर रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि पहले इस तरह के परिधान की डिमांड कम थी, लेकिन अब इसकी मांग बढ़ी है. दुकानों से 500 से 700 तक के ड्रेस की अच्छी बिक्री हो रही है. एक हजार तक की पीतल की मूर्तियां बन रही पसंद बाजार में एक हजार तक की पीतल की लड्डू गोपाल की मूर्तियों की जबरदस्त डिमांड है. पूजन सामग्रियों की दुकानों के अलावा गरीबनाथ मंदिर मार्ग में सजे जन्माष्टमी के बाजार से इन मूर्तियों की खरीदारी हो रही है. पीतल की न्यूनतम कीमत की मूर्ति 120 रुपए में उपलब्ध है. लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार मूर्तियों की खरीदारी कर रहे हैं. मूर्ति दुकानदार राहुल कुमार ने बताया कि 500 से अधिक कीमत की मूर्तियों की डिमांड ज्यादा है. लोग झूले के हिसाब से मूर्ति की खरीदारी कर रहे हैं. कुछ लोग झूले के साथ पूरा सेट खरीद रहे हैं, जिसमें भगवान के वस्त्र, मोर पंख, पगड़ी शामिल है. आठ हजार तक का बिक रहा लकड़ी का झूला शहर के बाजार से लड्डू गोपाल का लकड़ी का झूला आठ हजार तक में बिक रहा है. इसमें भगवान की मूर्तियां और ड्रेस, मोर पंख, पगड़ी और आसन शामिल रहता है. सिर्फ झूला की कीमत 120 रुपए से सात हजार तक है. सरैयागंज में झूला बनाने वाले कारीगर कृ्ष्णनंदन कुमार ने कहा कि झूला बनाने की सामग्री वृंदावन से आती है. हमलोग उसे जोड़ कर झूला बनाते हैं. पिछले एक-दो साल से बाजार में झूला की डिमांड बढ़ी है. एक से दो हजार तक के लकड़ी और मेटल के झूले की बाजार में अच्छी बिक्री होती है. शहर से हो रहा लड्डू गोपाल के पोशाक का कारोबार लड्डू गोपाल के पोशाक का कारोबार शहर से भी हो रहा है. यहां कई महिलाएं लड्डू गोपाल का पोशाक, माला, कड़ा और बांसुरी बनाती हैं. इसका कारोबार पटना, जमशेदपुर, भागलपुर और रांची तक होता है. यहां की करीब एक दर्जन से अधिक महिलाएं इस रोजगार से जुड़ी हैं. पोशाक बनाने वाली पूजा केजरीवाल कहती हैं कि वे पिछले छह सालों से पोशाक का कारोबार कर रही हैं. मैटेरियल वृंदावन से मंगवाती हैं. मांग के अनुसार झूला मंगवा कर पूरा सेट तैयार कर दिया जाता है.
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