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बोलेरो से उतरते ही पुलिसकर्मियों ने शुरू कर दिया लाठीचार्ज

बोलेरो से उतरते ही पुलिसकर्मियों ने शुरू कर दिया लाठीचार्ज

-वाहन चेकिंग के दौरान ट्रिपल लोडिंग को लेकर चालान काटने को हुआ था विवाद-एक छात्र को पकड़ कर अहियापुर थाने में ले जाने के बाद भड़का था छात्रों का आक्रोश मुजफ्फरपुर. पुलिस के लाठीचार्ज को लेकर मेडिकल छात्रों में काफी आक्रोश है. उन्होंने बताया कि जीरोमाइल चौक की तरफ से एक बाइक पर होकर तीन मेडिकल छात्र खाना खाकर हॉस्टल लौट रहे थे. इस बीच एसकेएमसीएच के गेट नंबर तीन के पास पुलिस वाहन चेकिंग कर रही थी. इसी दौरान बाइक सवार मेडिकल छात्र व पुलिसकर्मियों के बीच बहस हो गयी. अगर पुलिसकर्मियों चालान काटना था तो ऑन स्पॉट ई- चालान काट देते. जब पुलिस मेडिकल छात्रों से बहस कर रही थी तो इसमें से एक छात्र ने ग्रुप में मैसेज कर दिया. हॉस्टल से बाकी छात्र पहुंचे तो दो को छोड़ दिया. वहीं, एक छात्र को जबरन खींच कर पुलिस जीप में बैठा लिया और अहियापुर थाने पर ले गये. वहां उसके हाथ में हथकड़ी लगाकर खिड़की से रस्सी बांधकर पिटाई कर दी. मेडिकल छात्र उसको छोड़ने की मांग करने के लिए सड़क पर आयी. इस बीच भारी संख्या में पुलिस टीम आयी. जब तक वे लोग कुछ समझ पाते पुलिस जवान गाड़ी से उतरते ही मेडिकल छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया. ——- हम मेडिकल छात्र हैं, कोई गुंडा नहीं जो बेरहमी से पीटा गया एक मेडिकल छात्र ने कहा कि पुलिस ने उनके साथ गुंडों जैसा बर्ताव किया. अपराधी की तरह उन पर लाठियां और ईंट- पत्थर बरसाए गए. अगर छात्र ट्रिपल लोड था तो उसका चालान काट देते. उसको पकड़ कर थाने क्यों ले गए. उसको रस्सी से बांधकर क्यों पीटा गया. निर्दोष छात्रों पर लाठियां क्यों बरसाई गयी. इसका इंसाफ जिला पुलिस व प्रशासन के वरीय पदाधिकारियों से चाहिए. 18 बैच के मेडिकल छात्र प्रशांत कुमार ने बताया कि एसकेएमसीएच कॉलेज कैंपस में आज पुलिस पीटकर गयी है, कल कोई बाहरी आकर पीटकर चला जाएगा. — मरीजों को हुई परेशानी:: पथरी का ऑपरेशन कराने आयी शांति वापस लौटीं मुजफ्फरपुर . सोमवार की सुबह सीतामढ़ी जिले के डुमरा थाना क्षेत्र के गोसाईपुर गांव से पेट में पथरी के ऑपरेशन के लिए पहुंची शांति देवी को निराशा हाथ लगी. वह पेट दर्द से परेशान थी. जब परिजन ऑटो से लेकर उसको एसकेएमसीएच पहुंचे तो वहां हड़ताल देखकर गाड़ी घुमा कर वापस निकल गए. शांति देवी के पुत्र राहुल का कहना था कि पारिवारिक हालत ठीक नहीं है. इस वजह से वह अपनी मां का ऑपरेशन कराने के लिए एसकेएमसीएच में लाया था. लेकिन, यहां हड़ताल है. अब वह वापस सीतामढ़ी सदर अस्पताल ले जाकर अपनी मां का इलाज कराएगा. वहीं, दूसरी गर्भवती मरीज गायघाट की सीमा देवी को भी वापस होना पड़ा. मुसहरी के दरधा से गैस्ट्रिक की समस्या का इलाज कराने आये संजीव चौधरी भी इलाज के बिना वापस लौट गए. वहीं, हरताल के कारण इमरजेंसी वार्ड में भर्ती लगभग 200 से अधिक मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ. नर्स से आक्रोशित मेडिकल छात्रों ने मरीजों का बीएसटी जमा करवा लिया था. वहीं, तीनों आईसीयू में भर्ती 100 से अधिक मरीज भी हड़ताल से परेशान हुए हैं. —– गेट में बाहर से ताला जड़ हुआ ऑपरेशन सोमवार की सुबह एमसीएच में पहले से भर्ती छह गर्भवती महिलाओं का सिजेरियन ऑपरेशन हो रहा था. इस बीच लाठीचार्ज से आक्रोशित मेडिकल छात्र आए और गेट में बाहर से ताला जड़ दिया. इसके बाद नए गर्भवती मरीज को भर्ती नहीं करने दिया गया. दोपहर दो बजे के बाद जब हड़ताल समाप्त हुआ तो मरीज को भर्ती किया गया. ——- गोली लगे मरीज को जाना पड़ा निजी अस्पताल मीनापुर से गोली लगे पहुंचे दवा कारोबारी नंदू प्रसाद को हड़ताल के कारण अस्पताल में नहीं घुसने दिया गया .उन्हें पास के ही एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. वही सीतामढ़ी के चोरौत से करंट से बुरी तरह झुलसी सुधा देवी के परिजन ने बताया कि उसे मोटर चलाने के दौरान करंट लग गया. जिसमें वह झुलस गयी. उसे निजी अस्पताल का सहारा लेना पड़ा .

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