24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अनजान जिंदगी बचाना मकसद, साल में चार बार करते हैं रक्तदान

अनजान जिंदगी बचाना मकसद, साल में चार बार करते हैं रक्तदान

-मुजफ्फरपुर में कई युवा रहते हैं तत्पर, बस एक कॉल पर करते हैं महादान मुजफ्फरपुर. रक्तदान महादान है. इससे यह साबित होता है कि हमारे अंदर संवेदना है और हम अपनी तरह दूसरों को भी देखना चाहते हैं. किसी का जीवन बचाकर रक्तदान करने वाले को क्या संतुष्टि मिलती है, यह दूसरा नहीं समझ सकता. शहर के करीब एक दर्जन संगठन और 500 से अधिक युवा निस्वार्थ भाव से इस काम में जुटे हैं. किसी को खून की जरूरत हो तो एक फोन पर ये युवा अपना काम छोड़कर हाजिर हो जाते हैं. इनके प्रयास से शहर में अनगिनत लोगों की जिंदगी बचाने में मदद मिली है. इस सकारात्मक कार्य से नये युवाओं का भी जुड़ाव बढ़ रहा है. यहां ऐसे ही युवाओं की कहानी बयां हो रही है, जिन्होंने दूसरों का जीवन बचाने के लिए रक्तदान को जीवन का मकसद बना लिया है… 2017 से अब तक 22 बार किया रक्तदान मेरी दादी जब बीमार हुईं तो उनको रक्त की जरूरत थी. रक्तदान करने के लिए कोई नहीं था. समाज के कई लोग इसके लिए आगे आए और दादी की जान बची. यह देखकर मेरे मन में यह प्रेरणा जगी कि ब्लड डोनेट कर दूसरों की जिंदगी बचाने में मदद करनी चाहिये. मैंने 2017 से रक्तदान करना शुरू किया. मैं अब तक 22 बार रक्तदान कर चुका हूं. अब नियमित रूप से साल में चार बार रक्तदान करता हूं. एक यूनिट रक्त से तीन लोगों की जिंदगी बच सकती है. – अंकित भारद्वाज, बहिलवारा भुआल, सरैया ================= रक्तदान कर जीवन बचाने से मिलती है संतुष्टि मैं 2018 से रक्तदान कर रहा हूं. पहली बार रक्तदान तब किया जब मेरे एक दोस्त का कॉल आया कि उसके परिजन बीमार हैं और रक्त की जरूरत है. उस वक्त मुझे पता भी नहीं था कि रक्तदान से क्या होता है. मैं दोस्त के कॉल पर एसकेएमसीएच पहुंच गया. वहां मैंने पहली बार रक्त दिया. तबसे मेरे अंदर रक्तदान की प्रेरणा जगी. जब किसी जरूरतमंद के लिए रक्तदान करता हूं तो मुझे बड़ी संतुष्टि मिलती है. इससे बड़ा दान कोई नहीं है, इससे हम दूसरों की जिंदगी बचाते हैं. हम सभी को रक्तदान कर मानवीयता का परिचय देना चाहिये – अभिषेक कुमार सुमन, खबड़ा :::::::::::::::: थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे की बचायी जान वर्ष 2014 से रक्तदान कर रहा हूं.थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे के लिए पहली बार सदर अस्पताल ब्लड बैंक में रक्तदान किया था. पीड़ित बच्चे को बचाकर काफी सुकून मिला. इसके बाद से अबतक 20 बार रक्तदान किया है. अब तो आदत-सी पर गयी है. 90 दिनों के अंतराल के बाद खुद से रक्तदान करता हूं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करता हूं. शहर में ऐसे कई संगठन हैं, जो रक्तदान कर दूसरों का जीवन बचा रहे हैं. हमलोगों को नियमित रूप से रक्तदान करना चाहिये. इससे अपना स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है गौरव कुमार शाही, मझौलिया रोड :::::::::::::: रक्तदान कर दूसरों के जीवन बचाने का लक्ष्य 2020 से रक्तदान कर रहा हूं. समाज में जरूरतमंदों के लिए रक्तदान कर उनका जीवन बचाने का लक्ष्य मैंने लिया है और अबतक आठ बार महादान कर चुका हूं. रक्तदान कर खुद को स्वस्थ महसूस करता हूं. आज के भागदौड़ के समय में भी कई ऐसे लोग हैं, जो रक्तदान को प्रमुखता देते हैं और इसके लिए समय निकालते हैं. हम सभी को यह कोशिश करनी चाहिये कि वे नियमित रूप से रक्तदान करें और दूसरों का जीवन बचायें. समाज में इससे बड़ा पुण्य कार्य कोई नहीं है. हमें मानवता की सेवा के लिए आगे आना चाहिये -निर्मल कुमार, पानापुर करियात, कांटी ……… 2012 से लोगों की जान बचा रहा बिहार रक्तदाता समूह बिहार रक्तदाता समूह वर्ष 2012 से रक्तदान कर मरीजों का जीवन बचा रहा है. रक्तदाता समूह ने अपना ऐसा नेटवर्क बनाया है कि पूरे राज्य में इस संगठन से जुड़े युवा रक्तदान कर दूसरों को नया जीवन दे रहे हैं. इस संगठन के साथ जुड़ जन हितैषिता ने भी अपना नेटवर्क बनाया है. व्हाटस्एप ग्रुप के माध्यम से हॉस्पिटल पहुंच कर युवा मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए रक्तदान कर रहे हैं. इसके लिए रक्तदाता समूह के प्रिंसु माेदी को बिहार सरकार की ओर से सम्मानित भी किया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें