महिलाओं के हाथ में दुर्गा पूजा की बागडोर, 122 साल बाद मिला अवसर

महिलाओं के हाथ में दुर्गा पूजा की बागडोर, 122 साल बाद मिला अवसर

By Prabhat Khabar News Desk | September 14, 2024 8:00 PM

-हरिसभा की दुर्गा पूजा में पंडाल में लगेंगे विदुषी महिलाओं के चित्र

मुजफ्फरपुर

. इस बार हरिसभा दुर्गा पूजा की कमान महिलाएं संभालेंगी. ऐसा 122 वर्ष में पहली बार हुआ है जब पूजा की जिम्मेदारी महिलाओं को दी गयी है. दुर्गा पूजा के लिए बनी नयी कमेटी में अध्यक्ष झूमा दास, उपाध्यक्ष वंदना गुहा, सचिव नीला बोस व अंकेक्षक मनीषा दत्ता को शामिल किया गया है. इसके अलावा कार्यकारिणी सदस्य में पियाली चटर्जी, सोनाली सिन्हा, श्रावणी बनर्जी, शुक्ला बोस, शुभ्रलेखा सिन्हा, रमा बनर्जी, शिखा मजूमदार, लीना सरकार, श्रावणी दास, संयुक्ता भट्टाचार्यी, शिउली भट्टाचार्यी का चयन किया गया. ये दुर्गा पूजा की व्यवस्था के साथ पंडाल, डेकोरेशन, भोग व सांस्कृतिक कार्यक्रम की जिम्मेदारी संभालेंगी. इस बार दुर्गा पूजा के मौके पर पूरे पंडाल में देश की विदुषी महिलाओं के चित्र के साथ उनकी जीवनी को भी दर्शाया जायेगा. यहां षष्ठी से मां दुर्गा की पूजा की जायेगी.पूजा को लेकर नयी कमेटी लगातार बैठक कर पूजा व्यवस्था को अन्य वर्षों से बेहतर बनाने में जुटी हुई है. यहां बांग्ला विधि-विधान से हर वर्ष पूजा होती है. इसके लिए पश्चिम बंगाल से ढाक वाद्य यंत्र बजाने वाले कलाकारों को बुलाया जाता है. इस बार भी ढाक के कलाकार यहां पहुंच रहे हैं और मूर्ति निर्माण के लिए भी कारीगर यहां आ रहे हैं.

बांग्ला भाषी समुदाय 1901 से हरिसभा में कर रहे हैं पूजा

बांग्लाभाषी समुदाय वर्ष 1901 से हरिसभा में दुर्गा पूजा कर रहा है. पूजा की शुरुआत यहां तब से हुई थी, जब देश गुलाम था और देश की आजादी के लिए लड़ रहे क्रांतिवीरों ने आस्था के साथ सामूहिक रूप से मिलने-जुलने के लिए दुर्गा पूजा की शुरुआत की थी. इसी वर्ष कविगुरु रवींद्र नाथ टैगोर मुजफ्फरपुर आए थे और बंग-भंग समाज द्वारा इन्हें मुखर्जी सेमिनरी स्कूल में सम्मानित किया गया था.बिहार बंगाली समिति के देवाशीष गुहा ने कहा कि हरिसभा स्कूल की पूजा शहर की सबसे पुरानी पूजा है. यहां बांग्ला विधि के साथ पूजा की जाती है. इस बार पूजा की बागडोर महिलाओं के हाथ में है.

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