मुशहरी, कुढ़नी के पीएचसी और सदर अस्पताल का लिया जायजा वर्ष 2010 से एइएस पीड़ित हुए और मृत बच्चों का लिया डाटा मुजफ्फरपुर. महाराष्ट्र के इडवार्ड मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के गांधी फेलोज आफ किंग के एक दर्जन डॉक्टरों की टीम गुरुवार को कुढ़नी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची. टीम ने यहां एइएस से बचाव व इलाज के बारे में जानकारी ली. अस्पताल प्रबंधक ने डॉक्टरों को मेडिकल ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के तहत उपलब्ध दवाओं और लक्षण के आधार पर इलाज के बारे में बताया. इससे पहले टीम का स्वागत सामुदायिक उत्प्रेरक सह स्वास्थ्य प्रबंधक टप्पू गुप्ता व अन्य ने इन्हें गुलाब देकर किया. डॉक्टरों ने 2010 से जिले में पीड़ित और बीमारी से मृत हुये बच्चे की भी जानकारी ली. डॉक्टरों को बताया गया कि चमकी के तीन धमकी को शामिल किया गया है, जिसमें जगाओ, खिलाओ व अस्पताल जाओ के स्लोगन को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है. इंटर्न चिकित्सकों ने एंबुलेंस के इएमटी, मानिटरिंग सिस्टम , डाक्टर्स उपस्थिति, डिजिटली केस ट्रैकिंग, डॉक्यूमेंटेशन सहित अन्य सवाल भी किये. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. रीता रेणु चौधरी ने एइएस वार्ड में मेडिकल ट्रीटमेंट प्रोटोकाॅल पर विस्तार से जानकारी ली. इसके बाद टीम कुढ़नी पीएचसी और सदर अस्पताल का जायजा लिया. यहां एइएस की तैयारी व आयुष्मान कार्ड से इलाज के बारे में पूछा. इस मौके पर पीरामल के अंकित कुमार, मो नसीरूल होदा, राकेश सिंह, इफ्तखार खा, राजीव व जयंत मौजूद थे. पीरामल के अधिकारियों ने बताया कि सभी डॉक्टरों ने सदर अस्पताल के कामकाज की प्रशंसा की है. टीम ने अधीक्षक डॉ बीएस झा और प्रबंधक प्रवीण कुमार से भेंट की.
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