सपनों को पूरा करने की नहीं होती कोई उम्र सीमा : कुलपति

सपनों को पूरा करने की नहीं होती कोई उम्र सीमा : कुलपति

By Prabhat Khabar News Desk | May 1, 2024 12:34 AM

एलएस कॉलेज में चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की ओर से व्याख्यान का आयोजन

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

लंगट सिंह कॉलेज और चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट पटना के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. ””””””””नेविगेटिंग द स्टार्टअप जर्नी-फ्रॉम आइडिया तो एक्सकुशन”””””””” विषय पर आयोजित व्याख्यान की अध्यक्षता बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.दिनेश चन्द्र राय ने की. मुख्य अतिथि सीआईएमपी के निदेशक प्रो.राणा सिंह रहे. अतिथियों का स्वागत करते हुए प्राचार्य प्रो ओमप्रकाश राय ने कहा कि नौकरी चाहने वाले नहीं, नौकरी प्रदाता बनें. विगत वर्षो में एक अच्छे आइडिया, टेक्नोलॉजी के सही प्रयोग और कड़ी मेहनत के बल पर देश की कई स्टार्टअप कंपनिया देश विदेश में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही है. इसमें हजारों लोगों को रोजगार भी मिला है. ग्रोथ की जितनी संभावना उद्यमिता के क्षेत्र में है उतनी किसी भी नौकरी में नहीं. प्रो.राणा सिंह ने स्टार्टअप और उद्यमिता विकास के लिए सरकार की ओर से चलाइ जा रही विभिन्न योजनाओं और प्रयासों के बारे में जानकारी दी. आइओसीएल के पूर्व ईडी व सीआइएमपी के प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस विभाष कुमार ने कहा कि नवाचार में असीम संभावना है. कुलपति प्रो. दिनेश चन्द्र राय ने सीआइएमपी का बीआरए बिहार विश्वविद्यालय और लंगट सिंह कॉलेज के साथ एमओयू के लिए धन्यवाद दिया. कहा कि इस पहल का उद्देश्य कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच नवाचार और उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा देना है. उन्होंने छात्रों को स्टार्टअप की लगातार विकसित हो रही दुनिया में सफल होने के लिए जोखिम लेने, लीक से हटकर सोचने और अपनी रचनात्मकता को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया. कुलपति प्रो राय ने कहा कि अपने सपनों पूरा करने की कोई उम्र सीमा नहीं होती. अपने जुनून, लक्ष्य और आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने में कभी देर नहीं होती. दृढ़ संकल्प, दृढ़ता और कड़ी मेहनत के साथ, आप किसी भी उम्र में कुछ भी हासिल कर सकते हैं. डॉ साजिदा अंजुम और डॉ अंकित शर्मा ने भी संबोधित किया. संचालन आइक्यूएसी समन्वयक प्रो.राजीव कुमार व धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के पीआरओ प्रो.राजीव झा ने किया. मौके पर डॉ शरतेंदु शेखर, प्रो.जफर सुलतान, प्रो.फैयाज अहमद, प्रो.एसआर चतुर्वेदी, डॉ राजीव कुमार, डॉ दिलीप कुमार, डॉ रीमा कुमारी, डॉ स्वीटी सुप्रिया, डॉ नवीन कुमार ऋषि कुमार, सत्येंद्र समेत अन्य थे.

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