12 साल के बाद हो रहा शिक्षक प्रतिनिधि का चुनाव
सीनेट के शिक्षक प्रतिनिधि का चुनाव 12 साल बाद कराया जा रहा है. इसके सदस्याें का कार्यकाल तीन साल के लिए हाेता है. इसके बाद वाेटिंग के जरिये चुनाव किया जाता है. लेकिन, बिहार विश्वविद्यालय में 2012 के बाद चुनाव नहीं हुआ है. सदस्याें का कार्यकाल पूरा हाेने के बाद सदस्य मनाेनीत किये जाते थे, जिसके लिए कुलपति काे अधिकृत किया जाता था. इस साल मार्च में हुई सीनेट की बैठक के दाैरान शिक्षक प्रतिनिधियाें के चुनाव की बात आयी तो सदस्याें ने कुलपति काे अधिकृत कर दिया था. बैठक की अध्यक्षता कर रहे कुलाधिपति सह राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आपत्ति जतायी थी. इनके निर्देश के बाद कुलपति प्राे. डीसी राय ने चुनाव कराने की घाेषणा की.मुजफ्फरपुर सहित 14 जिलाें में 23 काे हाेगा मतदान
मुजफ्फरपुर सहित राज्य के 14 जिलाें में मतदान केंद्र बनाये जायेंगे. दो-तीन जिलाें काे मिलाकर एक मतदान केंद्र हाेगा. 23 सितंबर काे सभी जगह एक साथ मतदान कराया जायेगा. मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी, मोतिहारी, बेतिया, छपरा, दरभंगा और पटना में 10.30 से 2.30 बजे तक वाेट डाले जायेंगे. वहीं गया, सीवान, नालंदा, कटिहार, सहरसा, भागलपुर में उसी दिन सुबह 9 बजे से दाेपहर 1 बजे तक मतदान का समय रखा गया है. पीजी विभाग के तीन प्रतिनिधि का चुनाव 96 वाेटर करेंगे, जबकि अंगीभूत काॅलेजाें के 9 प्रतिनिधियाें का चुनाव 558 वाेटराें काे करना है. संबद्ध व टेक्निकल काॅलेजाें के लिए तीन शिक्षक प्रतिनिधि 1301 वाेटर चुनेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है