शहर के मंदिरों में धूमधाम से जन्माष्टमी की तैयारी
कल होगा लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव, चांदी के झुले पर विराजमान होंगे भगवान
उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर शहर के मंदिरों में 26 को जन्माष्टमी धूमधाम से मनायी जाएगी. इसको लेकर मंदिरों में तैयारी शुरू हो गयी है. राधा-कृष्ण मंदिरों में रात्रि से भजन संध्या होगी और रात्रि 12 बजे धूमधाम से कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा. पं.प्रभात मिश्रा ने कहा कि अष्टमी तिथि दोपहर में 8.20 मिनट से शुरू हो जाएगी, जबकि रोहिणी नक्षत्र रात्रि 9:10 मिनट से शुरू होगी. इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव जयंती योग में मनायी जाएगी. मंदिरों में सुबह से ही भक्त जाकर पूजा-अर्चना करेंगे. इसके लिए विशेष रूप से सजावट की जा रही है. मंदिरों को रंग-बिरंगे गुब्बारों और रंग-बिरंगी लाइट से सजाया जाएगा. रात्रि में श्रीकृष्ण का जन्म होने के साथ बधइया गायी जाएगी. भजन मंडली लड्डू गोपाल का गुणगान करेगी. मंदिरों में झूलन उत्सव भी मनाया जाएगा. भगवान को झूले पर बैठा कर भक्त उन्हें झुलायेंगे. मुरली मनोहर राधे कृष्ण मंदिर में मनेगा उत्सव हरिसभा स्थित मुरली मनोहर राधे कृष्ण मंदिर में धूमधाम से जन्माष्टमी मनायी जाएगी. यहां भगवान श्रीकृष्ण को छप्पन भोग लगाया जाएगा. धनिया की पंजरी, केला करौजी, मखाना पाक, साबूदाना और मखाना की खीर, विभिन्न प्रकार की मिठाइयां, माखन, मिश्री, मेवा, सुगंधित पान से विशेष रूप से भागवान श्रीकृष्ण को भाेग लगाया जायेगा. इससे पूर्व भगवान को पंचामृत से स्नान करा कर पूजा अर्चना की जाएगी. उन्हें केशर, कस्तूरी और गुलाबजल अर्पित किये जाएंगे. रात्रि 12.05 में भगवान के जन्म के बाद महाआरती की जाएगी और भये प्रकट कृपाला दीन दयाला की प्रस्तुति होगी. इसके बाद श्रद्धालुओं को पंचामृत और महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा. मंदिर के पुजारी पं.रवि झा ने कहा कि यहां 1932 से कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. इस बार भी यहां अच्छी तैयारी की गयी है. सोमवार की शाम भगवान को वाराणसी परिधान पहना कर उनका शृंगार किया जाएगा. भगवान चांदी के झूले पर विराजमान होंगे. भक्त यहां भगवान के दिव्य स्वरूप का दर्शन कर पाएंगे. यहां छोटे-छोटे बाल गोपाल कृष्ण और राधा की वेशभूषा में रहेंगे. शाम में भक्ति जागरण की प्रस्तुति की जाएगी.
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