टीआर को विवि से बाहर ले जाकर उसपर प्रिंट कराया गया पांच छात्राें का नाम
टीआर को विवि से बाहर ले जाकर उसपर प्रिंट कराया गया पांच छात्राें का नाम
-बिना नामांकन सीधे डिग्री जारी करने के मामले की जांच शुरू, कमेटी का होगा गठन-कुलपति ने परीक्षा नियंत्रक को दिया आदेश, फर्जीवाड़ा में शामिल दोषी बख्शे न जाएंगे
मुजफ्फरपुर.
बीआरएबीयू के डिग्री सेक्शन में पकड़े गये फर्जीवाड़ा मामले में कुलपति प्रो दिनेश चंद्र राय ने संज्ञान लिया है. कुलपति ने शनिवार को परीक्षा नियंत्रक डॉ सुबालाल पासवान को बुलाकर मामले की जानकारी ली. साथ ही आदेश दिया कि गहनता से जांच कराएं. इसके लिए कमेटी भी बनेगी. जाे भी दोषी होंगे. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. मामले की गंभीरता को देखते हुए परीक्षा नियंत्रक ने जांच शुरू की है. जांच में प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट हो गया है कि टीआर में पांच छात्रों का नाम बाद में प्रिंटर से प्रिंट किया गया है. कॉलेज पहले ही इन छात्रों के अपने यहां से उत्तीर्ण होने की बात से इंकार कर चुका है.नियमत: टीआर की तीन प्रति प्रेस से प्रिंट होकर आती है. एक कॉपी परीक्षा विभाग में, दूसरी कॉपी स्टाेर में और तीसरी कॉपी कॉलेज में रहती है. अब जांच के दौरान स्टाेर में रखी टीआर की कॉपी निकाली जायेगी. साथ ही कॉलेज से भी टीआर मंगवाकर जांच किया जायेगा. जांच के दौरान यह बात भी सामने आया है कि टीआर में बाद में जो नाम जोड़ा गया है, उसके लेटर का फॉन्ट अलग है. बाद में जोड़े गये नाम की प्रिंटिंग ज्यादा स्पष्ट और मोटी है. ऐसे में आशंका है कि विवि से टीआर को बाहर ले जाया गया. इसके बाद प्रिंट कर फिर से उसे विभाग में लाकर रख दिया गया.दिन भर होती रही चर्चा
बिना नामांकन लिए, बिना कक्षा में शामिल हुए व परीक्षा दिए सीधे टीआर में नाम शामिल करवाकर डिग्री प्राप्त करने की खबर प्रकाशित होने के बाद शनिवार को विश्वविद्यालय के गलियारे में दिनभर इसकी चर्चा होती रही.डिग्री का स्टेटस नहीं किया अपडेट :
इस कार्य को काफी सफाई के साथ अंजाम दिया गया है. डिग्री जारी करने के बाद उसका स्टेटस विवि की वेबसाइट पर अपडेट नहीं किया. डिग्री जारी होने के ठीक बाद उसका डिस्पैच डेट व डिग्री नंबर भी वेबसाइट पर प्रदर्शित होने लगती है, लेकिन जिन दो छात्रों को डिग्री मिली है, उनका स्टेटस साइट पर नहीं दिख रहा.बिना नामांकन लिए सीधे डिग्री जारी करने व टीआर में नाम दर्ज करने का मामला संज्ञान में आया है. यदि ऐसा हुआ है तो यह चिंतनीय है. परीक्षा नियंत्रक से इसकी जानकारी ली जा रही है. जो भी दोषी पाए जाएंगे. उनके खिलाफ विवि कठोर कार्रवाई करेगी. विवि जीरो टोलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है. ऐसे में इस प्रकार की गड़बड़ी वाले बख्शे नहीं जाएंगे. –
प्रो दिनेश चंद्र राय, कुलपति, बीआरएबीयू
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