मुजफ्फरपुर. एक छोर से एंट्री पॉइंट से लेकर बीचों-बीच रेलवे गुमटी के जाल से शहर घिरा हुआ है. हालत यह है कि एनएच से लेकर शहर में गुमटी बंद होने से दिन के 12 घंटे में 6 घंटे का समय जाम में बर्बाद होमा है. छह से आठ मिनट के लिए गुमटी गिरने भर से नेशनल हाईवे पर 4 से 5 किमी. में लंबा जाम लग जाता है. शहर से जुड़े रामदयालु गुमटी के पास यह रोज की बात है. आंकड़ों की बात करें तो सुबह से रात तक मुजफ्फरपुर से हो कर प्रतिदिन 102 ट्रेन गुजरती है. शहर में 8 गुमटी है. ऐसे में अप और डाउन को मिला कर औसतन लगभग गुमटी 4 घंटे से अधिक बंद रहती है. जिसका खामियाजा राहगीरों को भुगतना पड़ता है. इसके अलावे इंधन से लेकर कई तरह से लोग गुमटी बंद होने से प्रभावित होते है. शहर के कुछ गुमटी पर रेलवे ओवरब्रिज प्रस्तावित है. लेकिन कहीं भी निर्माण की सुगबुगाहट नहीं है.
औसतन एक रेलवे गुमटी पर एक दिन में 50 से 60 हजार का इंधन बर्बाद
शहर के बीचों-बीच 8 गुमटी है. जिसमें 7 गुमटी पर सुबह से शाम तक वाहनों का अधिक दबाव रहता है. ट्रेनों की आवाजाही से करीब चार घंटे गुमटी बंद रहती है. ऐसे में एक गुमटी पर प्रतिदिन जाम लगने और गुमटी बंद होने के दौरान औसतन 50 से 60 हजार का इंधन बर्बाद हो जाता है. सभी गुमटी को मिला दिया जाये तो यह आकड़ा प्रतिदिन लाखों में होगा. इसके अलावे गाड़ियों के तेज हॉर्न के साथ लोगों के समय की बर्बादी होती है.
इन जगहों पर आरओबी व अंडरपास प्रस्तावित
- सादपुरा
- गोबरसही
- रामदयालु
- ब्रह्मपुरा
इन चार गुमटी पर भी हर दिन लगता है, जाम
- बीबीगंज
- मझौलिया
- खबड़ा
- शेरपुर
सादपुरा में आरओबी के लिये 22.75 करोड़ की मिली थी, स्वीकृति
शहर के बीच में सादपुरा गुमटी पर हमेशा घंटों लोगों को जाम का सामना करना पड़ता है. सुबह से शाम तक नीम चौक और मिठनपुरा की ओर से वाहनों की लंबी कतार लगी रहती है. हालांकि यहां पर आरओबी का काम शुरू होने की उम्मीद है. हाल में 22.75 करोड़ से समपार पर आरओबी के लिये राज्य मंत्रीमंडल की ओर से प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी थी. जानकारी के अनुसार करीब 48 करोड़ की लागत से यहां आरओबी का निर्माण प्रस्तावित है. इसको लेकर कई बार रेलवे की ओर से सर्वे की प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है.
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