वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
साइबर ठगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. प्रमंडल व जिला स्तर पर आइटी के जानकार युवकाें को जानकारी देकर उन्हें प्रशिक्षक के रूप में नियुक्त किया जा रहा है. सीमावर्ती देशों में बैठे साइबर ठगों का गैंग फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड से खाता खोलने, मोबाइल क्लोनिंग, लिंक के माध्यम से ठगी की घटनाओं को अंजाम देने के लिए कॉलेज के छात्रों का भी इस्तेमाल कर रहा है. इस कारण कभी लोगों को झूठे केस में फंसाने की तो कभी परीक्षा में नंबर बढ़वाने व पार्ट टाइम नौकरी का झांसा देकर फोन कर ठगी की शिकार बनाया जा रहा है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिले में विभिन्न थाना क्षेत्रों से साइबर ठग गिरोह के शातिरों ने आठ महीनों में छह करोड़ से अधिक रुपये की ठगी की है. हालांकि, पुलिस ने कई मामलों में कार्रवाई कर राशि होल्ड करायी है. साथ ही कई शातिरों की गिरफ्तारी भी की गयी है, लेकिन यह गैंग इतना एक्टिव है कि एक शातिर पकड़ा जाता है तो ये लोकेशन व ठगी का पैटर्न तुरंत बदल देते हैं.
एक साथ सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रखते नजर
पुलिस ने 3.41 करोड़ रुपये बचाये :
जिले में साइबर थाना की स्थापना होने के बाद से साइबर अपराधियों पर नकेल कसा जा रहा है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में जिले में साइबर ठगी के कुल 103 मामले दर्ज किए गये. वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 में साइबर थाने में 69 और अन्य थानाें को मिलाकर एक सौ से अधिक मामले दर्ज किये गये हैं. पुलिस का दावा है पिछले वित्तीय वर्ष में प्राथमिकी के बाद 3.41 करोड़ की राशि होल्ड करायी गयी है. साइबर सेल लगातार विभिन्न सोशल मीडिया सेल पर सक्रिय है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है