29 को पटना में डॉक्टरों की ट्रेनिंग, मकसद यौन हिंसा की पीड़िताओं को जल्द मिले न्याय
29 को पटना में डॉक्टरों की ट्रेनिंग, मकसद यौन हिंसा की पीड़िताओं को जल्द मिले न्याय
हर जिले से दो चिकित्सक बनेंगे मास्टर ट्रेनर, दो दिन मिलेगी ट्रेनिंग मुजफ्फरपुर.याैन हिंसा के मामले में पीड़िता काे त्वरित न्याय मिले और आराेपी को सजा हो, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने पहल शुरू कर दी है. स्वास्थ्य विभाग राज्य भर के डाॅक्टराें काे ट्रेनिंग देगा. प्रत्येक जिले से दाे-दाे चिकित्सकाें काे मास्टर ट्रेनर बनाया जाएगा, फिर वे अपने जिले में जाकर अन्य डाॅक्टराें काे ट्रेनिंग देंगे. मास्टर ट्रेनर बनाने के लिए पटना में 29-30 अगस्त काे ट्रेनिंग दी जाएगी. याैन हिंसा पीड़िताओं के परीक्षण और रिपाेर्ट में अंतर हाेने से आराेपी बच जाते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने परीक्षण और रिपाेर्ट में अंतर नहीं हाे, इसके लिए राज्य भर के डाॅक्टराें काे विशेष ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया है. राज्य स्वास्थ्य समिति ने सभी सिविल सर्जन से दाे-दाे डाॅक्टराें काे नामित कर भेजने काे कहा है. उपसचिव सह प्रशिक्षण प्रभारी राजेश कुमार ने सभी सिविल सर्जन काे पत्र भेजकर यह निर्देश दिया है. याैन उत्पीड़न हाेने पर चिकित्सीय परीक्षण व रिपाेर्ट में एकरूपता रखना अनिवार्य है. रिपाेर्ट में देरी और गड़बड़ियाें से बच जाते हैं आराेपी पीड़िता के अस्पताल आने पर परीक्षण ताे हाे जाता है, लेकिन त्वरित रिपाेर्ट जारी नहीं की जाती है. मेडिकाे लीगल रिपाेर्ट जारी करने में देरी हाेने से कई प्रकार की कमियां व विसंगतियां हाे जाती हैं. कई प्रकार के दवाब भी आने लगते हैं. इससे काेर्ट में सुनवाई के दाैरान आराेपी बच जाते हैं. इसी काे लेकर अब स्वास्थ्य विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है, वहीं इसे सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है