लीची किसानों के प्रशिक्षित होने से खुलेंगे राेजगार के नये अवसर
लीची की गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री (पौध) के उत्पादन विषय पर राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुशहरी में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुक्रवार को समापन हो गया.
राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र में आठ जिलों के किसानों को दिया प्रशिक्षण मुशहरी़ लीची की गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री (पौध) के उत्पादन विषय पर राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुशहरी में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुक्रवार को समापन हो गया. प्रशिक्षण में राज्य के आठ जिलों मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, वैशाली, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर, मधुबनी एवं खगड़िया जिला से प्रखंड सहायक, तकनीकी प्रबंधक एवं चयनित किसानों ने भाग लिया. प्रशिक्षण में कुल 25 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया. केन्द्र के निदेशक डॉ विकास दास ने बताया कि लीची एवं अन्य फलों के गुणवत्तापूर्ण रोपण सामाग्री की मांग दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है. इसे ध्यान में रखते हुए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बताया कि प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षणार्थी स्वरोजगार कर सकते हैं. स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर प्राप्त होगें. प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को लीची की गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री के उत्पादन पर सैद्धांतिक व व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण में दरभंगा से कृष्ण मोहन सिंह, सुरेंद्र कुमार, बंदरा से गुड्डू कुमार, संतोष कुमार, संजीत कुमार, वैशाली से सहायक तकनीकी प्रबंधक शिपु कुमारी, दीपक कुमार, सुबोध कुमार, पूर्वी चंपारण से डॉ धीर प्रकाश धीर, बेगूसराय से सुनील कुमार, खगड़िया से नवल किशोर प्रसाद, मधुबनी से सूर्यनारायण यादव, सीतामढ़ी से राम प्रकाश यादव, चंदन कुमार, समस्तीपुर से सहायक तकनीकी प्रबंधक श्रवण कुमार दास आदि लोगों ने भाग लिया .केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ भाग्या विजयन एवं डॉ इप्सिता समल प्रशिक्षण के समन्वयक थे. समापन समारोह के मौके पर केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ विनोद कुमार, डॉ अभय कुमार, डॉ प्रभात कुमार, वैज्ञानिक सुनील कुमार, ई. अंकित कुमार, तकनीकी सहायक उपज्ञा साह एवं प्रोजेक्ट असिस्टेंट श्याम पंडित उपस्थित थे.
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