मुजफ्फरपुर में कृषि कार्य के लिए निबंधित ट्रैक्टर और ट्रेलरों का उपयोग धड़ल्ले से निर्माण कार्यों में हो रहा है. इसके साथ ही निर्माण स्थल पर दौड़ रही, बगैर निबंधन वाले ट्रैक्टर और हाइवा जैसी गाड़ियों की संख्या भी है. जिससे परिवहन विभाग को राजस्व का चूना लगाया जा रहा है. अब इस मामले में परिवहन विभाग की ओर से जांच कर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
मामले में परिवहन विभाग के अपर सचिव ने पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग सहित संबंधित सभी विभागों के प्रधान सचिव व सचिव स्तर के पदाधिकारियों को पत्र लिखा है. जिसमें जांच की प्रक्रिया को लेकर जिले में निर्माण विभाग से जुड़े कार्यपालक अभियंता को जांच कर रिपोर्ट करना है. एक फॉर्मेट उपलब्ध कराया गया है. जिसमें कंस्ट्रक्शन इक्यूपमेंट व्हीकल में हाइवा, ट्रैक्टर के निबंधन की जांच के लिये जिला परिवहन पदाधिकारी को सूचित कर, एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट करना है. शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में निर्माण एरिया में सबसे अधिक ट्रैक्टर और हाइवा का उपयोग हो रहा है. इसके जांच रिपोर्ट के आधार पर विभाग की ओर से आगे की कार्रवाई की जायेगी.
इस फॉर्मेट में देनी है जानकारी
- योजना या कार्य का नाम
- संवेदक के नाम
- प्रयोग में लाये जा रहे वाहनों के प्रकार
- संख्या और रजिस्ट्रेशन नंबर
इन विभाग के कार्यपालक अभियंता करेंगे जांच
- जल संसाधन विभाग
- पथ निर्माण विभाग
- ग्रामीण विकास विभाग
- लघु जल संसाधन विभाग
- ग्रामीण कार्य विभाग
- भवन निर्माण विभाग
निबंधन की संख्या कम होने और शिकायत पर कार्रवाई शुरू
मामले में परिवहन विभाग के अपर सचिव ने बताया है कि ऐसी लगातार सूचना मिल रही है, कि निर्माण कार्य स्थलों पर संवेदक द्वारा बिना निबंधन वाले कंस्ट्रक्शन इक्यूपमेंट व्हीकल व कृषि कार्य के लिये निबंधित ट्रैक्टर ट्रेलरों का प्रयोग किया जा रहा है. जिससे राजस्व की क्षति हो रही है. वहीं सूबे स्तर पर कंस्ट्रक्शन से जुड़े वाहनों का निबंधन कम है. ऐसे वाहनों का निबंधन जरूरी है.
ऐसे वाहनों से दुर्घटना की स्थिति में मुआवजा में परेशानी
विभाग की ओर से यह भी बताया गया है कि बगैर निबंधित कंस्ट्रक्शन इक्यूपमेंट व्हीकल के परिचालन से राजस्व के साथ आमलोगों के लिये भी काफी नुकसान देह है. इस तरह के बगैर निबंधित वाहनों से दुर्घटना होने की स्थिति में मुआवजा का भुगतान नहीं हो पाता है.