मुजफ्फरपुर. परिवहन विभाग और डाक विभाग के आपसी पेंच के चक्कर में करीब दस हजार लोगों का ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) व गाड़ी का ऑनरबुक (आरसी) का कार्ड फंसा हुआ है. यह वाहन मालिक व चालकों को उनके पते पर नहीं पहुंच पाया है. नतीजा वाहन मालिक इसको लेकर परेशान हो रहे हैं. सड़कों पर जांच कर रही सभी पुलिस ऑनलाइन डीएल व आरसी को नहीं मानती है. हार्ड कॉपी के लिए उन्हें इंतजार करना पड़ रहा है. परिवहन विभाग द्वारा वाहन चालक व वाहन मालिक के पते के सत्यापन के लिए डाक से डीएल और आरसी उनके पते पर भेजने का नया नियम बनाया. इसके तहत डाक विभाग के साथ परिवहन विभाग का करार हुआ. इसमें आरसी लगभग पते पर पहुंच जाते हैं, लेकिन डीएल के पोस्टिंग में काफी समय लग रहा है. यह समस्या जब से यह व्यवस्था लागू हुई तभी से बनी हुई है. इसमें दोनों विभाग का अपना अपना तर्क है, लेकिन इन दोनों के चक्कर में आमलोग पीसने को मजबूर है, उनकी क्या गलती है. उनसे चालान में स्पीड पोस्ट तक का शुल्क ले लिया जाता है. कई वाहन चालकों का डीएल जब कई महीनों बाद भी उन्हें नहीं मिलता तो उन्हें फिर से डुप्लीकेट डीएल का चालान कटाने के लिए कहा जाता है. ऐसे में दोनों के विभाग के सिस्टम पर यह बड़ा सवाल है कि आखिर क्यों इसमें इतना विलंब होता है, जबकि डाक विभाग से अन्य पोस्ट समय से लोगों तक पहुंचते हैं तो डीएल व आरसी को समय से पहुंचने में क्या दिक्कत है. परिवहन विभाग के अधिकारी की माने तो बीच में चुनाव को लेकर दो ढाई महीने काम ठप था अब काम शुरू हुआ है. वहीं डाक विभाग के अधिकारियों की माने तो समय से उन्हें उपलब्ध नहीं होता, कई बार एक नंबर का दो लिफाफा जारी कर दिया जाता है. इधर मामले में डीटीओ कुमार सत्येंद्र यादव ने बताया कि बीच में चुनाव को लेकर कार्य बाधित था, लेकिन अब काम शुरू हो चुका है जल्द इसका बैकलॉग समाप्त होगा.
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