दरभंगा : मेयर बैजयंती देवी खेड़िया के कार्यकाल के तीन साल बाद उनकी महापौर की कुर्सी खतरे में पड़ गयी है. मेयर की कार्यप्रणाली से नाराज दो दर्जन पार्षदों ने उनपर अविश्वास जताया है. सोमवार को दो दर्जन पार्षदों ने कई आरोप लगाते हुये हस्ताक्षर कर निगम में प्रस्ताव सौंप दिया. अब विशेष बैठक बुलाकर वोटिंग होने तक नीतिगत निर्णय नहीं लिया सकेगा.
अविश्वास प्रस्ताव के आवेदन पर पार्षद शंकर प्रसाद जायसवाल, मधुबाला सिन्हा, पूजा मंडल, अनोखा देवी, ममता देवी, अमोला महतो, निशा कुमारी, सुचित्रा रानी, भरत कुमार सहनी, पं. वेदव्यास, संजुला देवी, इसरत जहां, राजू पासवान, बेला देवी, जीनत परवीन, मुन्नी देवी, मंजू देवी, शीला देवी, परशुराम गुप्ता, चंद्रकला देवी, शवाना खानम, गीता देवी, देव कृष्ण झा व अजय महतो के हस्ताक्षर हैं.
उल्लेखनीय है, बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 25 (4) के तहत मुख्य पार्षद (मेयर) पर लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के लिये कुल पार्षदों की कम से कम एक तिहाई पार्षदों का विपक्ष में होना जरुरी है. अविश्वास प्रस्ताव की तिथि से सात दिनों के भीतर वोटिंग के लिये विशेष बैठक बुलाये जाने की सूचना निर्गत करना आवश्यक है.
सूचना निर्गत तिथि से 15 दिनों के अंदर विशेष बैठक बुलानी होगी. डिप्टी मेयर की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली विशेष बैठक में पार्षदों के समक्ष इस प्रस्ताव को पढ़ा जायेगा. इसके उपरांत विचार-विमर्श के लिये खुली घोषिणा की जायेगी. मेयर खेड़िया को अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा.
विमर्श उपरांत सदस्यों द्वारा प्रस्ताव गुप्त मतदान कराने तथा मतगणना के बाद परिणाम घोषित किये जाने का प्रावधान है. नियत तिथि में सूचना निर्गत नहीं करने या विशेष बैठक नहीं आयोजन नहीं करने की स्थिति में अधियाचकों द्वारा विशेष बैठक नगरपालिका एक्ट 2007 की धारा 48 (3) के अनुसार बुलायी जायेगी. इसकी सूचना नगर आयुक्त के द्वारा निर्गत की जायेगी.
posted by ashish jha