Muzaffarpur News : फर्जी टिकट मामले में आरपीएफ व रेलवे की टीम सीसीटीवी खंगालने पहुंची तो स्क्रिन पर थी धुंधली तस्वीर वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर जंक्शन पर फर्जी टिकट के मामले में मंगलवार को आरपीएफ व रेलवे की टीम ने सीसीटीवी रिकॉर्ड की छानबीन की लेकिन टीम को कोई सफलता नहीं मिली. यूटीएस कांउटर के इलाके में वर्षों पुराने लगे कैमरे से संदिग्ध की पहचान नहीं हो सकी. सामने सब कुछ धुंधला दिख रहा था. स्क्रीन पर यात्रियों के मूवमेंट की आकृति आ रही थी, लेकिन कुछ भी स्पष्ट नहीं था.
ऐसे में एक दिन पहले यूटीएस काउंटर पर पकड़े गये फर्जी टिकट के गिरोह को पकड़ने के मामले में आरपीएफ व जीआरपी के साथ रेलवे प्रशासन पूरी तरह से खाली हाथ है. घटना के बाद कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. मामला सामने आया है कि जंक्शन पर लगे कैमरा महज दो मेगा पिक्सल का है, जिसकी क्षमता कम है. उसमें भी कई हमेशा खराब स्थिति में रहती है.
ऐसे में अभी तक कैमरा को अपडेट करने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई. हालात यह है कि साधारण घटना में भी संदिग्ध की पहचान करने के लिये रेलवे के पास कोई ठोस व्यवस्था नहीं है. बता दें कि बीते दिनों यूटीएस काउंटर पर टिकट वापसी के दौरान 5 फर्जी टिकट पकड़ा गया जो यूटीएस से जारी नहीं हुआ था. मुजफ्फरपुर से बंगलुरु का टिकट था. मामला तब पकड़ में आया जब कुछ यात्री टिकट वापस करने जंक्शन के यूटीएस काउंटर पर पहुंचे.
फर्जी टिकट सामने आते ही वापस नहीं हुआ. यूटीएस काउंटर की निगरानी में सुस्ती यूटीएस काउंटर पर फर्जी टिकट मामले के दूसरे दिन भी दोपहर के समय निगरानी में सुस्ती दिखी. दोपहर के समय यूटीएस के हॉल व उसके बाहर आरपीएफ या जीआरपी के जवान नहीं मौजूद थे.
Muzaffarpur News : यशवंतपुर व साबरमती एक्सप्रेस के दौरान फर्जी टिकट एक्सचेंज का खेल
जानकारी के अनुसार जनरल टिकट ले कर यात्रा करने वाले को गिरोह निशाना बनाते हैं. खासकर साप्ताहिक चलने वाली यशवंतपुर व साबरमती एक्सप्रेस के दौरान फर्जी टिकट एक्सचेंज का खेल चलता है. सीसीटीवी के लिए फिर से आरपीएफ ने दिया पत्र जंक्शन पर प्लेटफॉर्म संख्या-4, 5, 6, 7 पर सीसीटीवी कैमरा नहीं है.
यहां कैमरा के लिये आरपीएफ की ओर से कई बार संबंधित विभाग को पत्र दिया गया लेकिन कैमरा के लिये कोई कार्रवाई नहीं हुई. मंगलवार को आरपीएफ इंस्पेक्टर मनीष कुमार ने बताया कि फिर से कैमरा के लिये पत्र दिया गया. इससे पहले भी कई बार पत्र दिया जा चुका है.
आरपीएफ व जीआरपी के अधिकारियों ने कहा आरपीएफ इंस्पेक्टर मनीष कुमार ने बताया कि सीसीटीवी के रिकॉर्ड की छानबीन में कैमरा पुराना होने के कारण संदिग्ध की पहचान नहीं हुई. वहीं मामले में जीआरपी थानाध्यक्ष रंजीत कुमार ने बताया कि उन्हें कोई लिखित आवेदन नहीं मिला है.
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