सरकार की वेतन संबंधी नई व्यवस्था पर विवि असहमत

सरकार की वेतन संबंधी नई व्यवस्था पर विवि असहमत

By Prabhat Khabar News Desk | May 31, 2024 9:06 PM

मुजफ्फरपुर. सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से विश्वविद्यालय और कॉलेज के सभी शिक्षकों-कर्मचारियों का वेतन सीधे विभाग के स्तर से खाते में भेजने की व्यवस्था पर बीआरएबीयू ने असहमति जतायी है. विवि के कुलसचिव प्रो.संजय कुमार ने उच्च शिक्षा निदेशक को पत्र भेजा है. कहा है कि उच्च शिक्षा विभाग ने विवि के अधिकारियाें व काॅलेजाें के प्राचार्याें की बैठक में नयी व्यवस्था से अवगत कराया. इस दौरान उपस्थित प्रतिनिधि आहत हुए. ऐसे में विवि प्रशासन वेतन भुगतान संबंधी नयी व्यवस्था लागू करने के शिक्षा विभाग के प्रयास से अपनी असहमति जताता है. साथ ही इसके तमाम बिंदुओं का एक सिरे से अध्ययन किया जा रहा है. कुलसचिव ने इसे वापस लेने का अनुराेध किया है. शिक्षक, कर्मचारी व पेंशनधारकाें काे वेतन व पेंशन का भुगतान करना विश्वविद्यालय के मूल दायित्वाें में से एक है. कुलपति सभी प्रकार के व्यय व निकासी के अनुमाेदन पदाधिकारी हाेते हैं. विवि के क्षेत्राधिकार में आने वाले सभी अंगीभूत महाविद्यालय बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 के अधीन संचालित हाेते हैं. सरकार विश्वविद्यालय काे बजट देती है और इसी नियम के तहत विश्वविद्यालय वेतन व पेंशन का भुगतान करता है. सरकार ने इसे दरकिनार कर नयी व्यवस्था को लागू किया है. विश्वविद्यालय व महाविद्यालयाें के शिक्षक-कर्मचारियाें के वेतन-पेंशन भुगतान सीधे विभाग स्तर से करने का निर्णय विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर कुठाराघात है. विश्वविद्यालय के वैधानिक निकायों के औचित्य पर उठाए सवाल : कुलसचिव की ओर से शिक्षा विभाग को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि विवि के बजट का निर्माण व अनुमाेदन वित्त समिति, सिंडिकेट व सीनेट के माध्यम से किया जाता है. कुलाधिपति इसके अध्यक्ष हाेते हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारी इन वैधानिक निकायाें के सदस्य हाेते हैं. उनकी उपस्थिति व अनुमाेदन से विश्वविद्यालय का बजट पारित कर राज्य सरकार काे समीक्षा व राशि अनुमाेदन कर भुगतान के लिए भेजा जाता है. ऐसे में विभाग का आदेश वैधानिक निकायाें के अधिकाराें का अतिक्रमण है.

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