बीआरएबीयू के पीजी विभाग रिसर्च हब के रूप में व्यवस्थित करने की दिशा में कवायद शुरू हो गयी है. कुलपति प्रो दिनेश चंद्र राय ने इस संबंध में पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश दिये हैं. पीजी विभागों में रिक्त पदों पर विभिन्न कॉलेजों से शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है. अधिकतर शिक्षकों ने पीजी विभागों में योगदान भी दे दिया है. कुछ शिक्षकों ने विभागों में अबतक योगदान नहीं दिया है.उनकी सूची तैयार कर उन्हें अंतिम रिमाइंडर भेजा जा रहा है. इसके साथ ही विवि ने कॉलेजों में नियुक्त शिक्षकों से भी आवेदन मांगे हैं. कहा है कि यदि वे पीजी विभाग में आना चाहते हैं तो आवेदन दें.
सीट होने पर अभी ही या रिक्ति नहीं होने पर सीट खाली होते ही प्राथमिकता के तौर पर उन्हें पीजी विभाग में बुला लिया जाएगा. कुलपति ने कहा कि किसी भी विवि के पीजी विभाग की पहचान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व शोध से होती है. पीजी विभागों की स्थिति बेहद दयनीय है. मेंटेनेंस के अभाव में भवन टूटकर गिर रहे हैं. शिक्षकों की कमी को कॉलेजों से ट्रांसफर कर पूरा किया गया है. भवनों के जीर्णोद्धार के लिए भी प्रक्रिया शुरू हो गयी है. ऐसे में कॉलेजों से शिक्षकों के आने के बाद पीजी विभाग समृद्ध हो जाएंगे.पीजी विभागों में सेल्फ फाइनेंस कोर्स चलेंगे:
पीजी विभागों में सेल्फ फाइनेंस कोर्स का भी संचालन होगा. ये कोर्स मुख्य कोर्स से अलग होंगे. विभागों को आत्मनिर्भर बनाने व रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी यह प्रयोग किया जाएगा. इसके साथ ही एग्रीकल्चर व फूड साइंस जैसे कोर्स को शुरू करने की दिशा में विवि ने प्रस्ताव तैयार किया है. विभिन्न निकायों से स्वीकृति मिलने के बाद इसे अगले सत्र से लागू करने की योजना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है