संवाददाता, मुजफ्फरपुर चर्चित सुनीता किडनी कांड में सोमवार को अभियोजन एवं बचाव पक्ष की ओर से कानूनी बिंदुओं पर बहस पूरी कर ली गयी है. इसके बाद कोर्ट ने मामले को फैसले पर रखते हुए सात जून की तिथि निर्धारित की है. बरियारपुर में जिस हॉस्पिटल में सुनीता के ऑपरेशन के दौरान किडनी निकाला गया था, उसके संचालक सह ऑपरेशन के दौरान मौजूद बताये गये कथित डॉक्टर पवन कुमार के खिलाफ ट्रायल चल रहा है. अपनी दोनों किडनी गवां चुकी सुनीता दो साल से एसकेएमसीएच में जिंदगी और मौत से जूझ रही है. वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए सुनीता की गवाही का कोर्ट ने आदेश दिया था लेकिन अस्वस्थ रहने के कारण वीडियो कान्फ्रेंसिंग से भी गवाही नहीं दे पायी थी. यह था मामला सुनीता की तबीयत खराब होने पर उसे परिजन बरियारपुर स्थित शुभकांत क्लिनिक ले गये. क्लिनिक संचालक डॉ. पवन ने उसे देखने के बाद बच्चेदानी को खराब बताकर उसके ऑपरेशन की जरूरत बतायी. इस तरह 3 सितंबर 2022 को सुनीता को ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया. 20 हजार रुपए देने पर ऑपरेशन किया गया. इसमें डॉ. पवन के अलावा डॉ. आरके सिंह, जीतेंद्र पासवान और दो अन्य ओटी सहायक मौजूद थे. आरोप है कि डॉ. पवन की पत्नी भी थी. ऑपरेशन के बाद सुनीता की हालत खराब हो गयी. तब उसे पटना पीएमसीएच ले जाया गया. जांच के बाद स्पष्ट हुआ कि उसके दोनों किडनी गायब है. इसके बाद सुनीता की मां सकरा थाना के बाजी राउत गांव निवासी तेतरी देवी के आवेदन पर 9 सितंबर 2022 को एफआइआर दर्ज की गयी थी.
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