:: एससीइआरटी गुवाहाटी असम के नाम से जारी था इनका शिक्षक प्रशिक्षण प्रमाणपत्र, जांच में निकला फर्जी :: धोखाधड़ी का नाजायज लाभ लेने, फर्जी अंकपत्र प्रस्तुत कर नौकरी प्राप्त करने के मामले में दर्ज हुआ मुकदमा वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर जिले में 2006 से 2015 तक विभिन्न नियोजन इकाइयाें के तहत फर्जी डिग्री पर बहाल हुए नियोजित शिक्षकों के खिलाफ निगरानी ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो मुजफ्फरपुर की ओर से जिले के सरैया थाने में छह नियोजित शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसमें स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि असम के गुवाहाटी से इन शिक्षकों ने शिक्षक प्रशिक्षण का एससीइआरटी असम के नाम से फर्जी प्रमाणपत्र और अंकपत्र नियोजन के समय प्रस्तुत किया. यह अंकपत्र और प्रमाणपत्र असम के गुवाहाटी स्थित एससीइआरटी से जारी ही नहीं किया गया था. निगरानी की जांच में जब एससीइआरटी असम ने इसकी पुष्टि कर दी तो शिक्षकों पर शिकंजा कसना शुरू हुआ है. निगरानी की ओर से जिन शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है उनमें सरैया के उमवि वीरपुर की वंदना कुमारी, उमवि तुरकौलिया उर्दू के अनवारूल हक, उमवि रघवा छपरा के अरविंद कुमार, उमवि बघनगरी बालक की कुमारी प्रीति, उमवि बघनगरी बालक की रिंकी कुमारी और उमवि बघनगरी के मनोरंजन कुमार का नाम शामिल हैं. निगरानी की ओर से कहा गया है कि इन शिक्षकों ने नियोजन के समय अन्य अज्ञात के साथ मिलकर साजिश व छल कर आपराधिक षड्यंत्र के तहत नाजायज लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से फर्जी अंकपत्र प्रस्तुत किया. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. इनके खिलाफ शीघ्र कार्रवाई की जायेगी. बता दें कि अन्य प्रखंडों में भी इस प्रकार का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था. निगरानी ने इससे पूर्व उनके खिलाफ भी कार्रवाई की थी. ———————– फर्जी प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने वाले गिरोह पर नजर : निगरानी ने जांच के क्रम में पाया है कि इन्हें किसी अज्ञात व्यक्ति ने ये प्रमाणपत्र उपलब्ध कराये थे. उनकी ओर से एक ही जगह का फर्जी प्रमाणपत्र सभी अभ्यर्थियों को उपलब्ध कराया गया था. अब इन शिक्षकों से पूछताछ के दौरान उन अज्ञात व्यक्तियों के बारे में जानकारी ली जाएगी. साथ ही निगरानी की टीम इस गिरोह की तलाश में जुट गयी है. इसको लेकर विशेष टीम का गठन किया जाएगा. प्राथमिकी में कहा गया है कि इन शिक्षकों को लेकर उच्च न्यायालय की ओर से क्षमादान का आदेश पारित किया गया था. इस कारण अबतक इन शिक्षकों ने त्यागपत्र न देकर पदस्थापित विद्यालय में कार्यरत थे. अब इनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
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